बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर
बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर

 धरोहर 

( Dhrohar :  Kavita )

 

->बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर . . . . ॥

1 .समेटकर रखी है मैंने , तेरी सारी यादों को ।

 ये अक्सर आती हैं,और रूला देती हैं मुझे ।

नम हो जाती हैं मेरी आँखें , झरने सी बहती हैं ।

सजाकर रखी हैं मैंने , तेरी यादों की धरोहर को ।

 

-> बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर . . . . .॥

2 . मेरी हर धड़कन में बसी हैं , तेरी धड़कन की लहर ।

 हर सांस में तेरी सांस है , सीने में तेरी कसक सी है ।

 मेरे कानों में गूंजते हैं आज भी , तेरे एक – एक लफ्ज ।

आज भी सम्हाला है मैंने , तेरे  शब्दों की धरोहर को ।

 

->बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर . . . . ॥

3 .तेरी यादों के दीवाने थे हम,आज कोई वादा तो कर ।

भले ही फिर तोड़ देना,वादे का इरादा तो कर ।

तेरा हर एक वादा ,आज भी याद है मुझे।

आज भी सम्हाला है मैंने,तेरी झूँठे वादों की धरोहर को।

 

->बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर . . . . ॥

4 . वो तेरी कसमें , वो रसमें सारी , तेरी ही तरह होती थीं ।

चलते , हंसते अक्सर थककर , कंधों पर सिर रख सोती ।

 सजाये मिलकर सपने कितने , सपने सपने ही रह गये ।

सपनों में छिपाकर रखी हैं मैंने , तेरे सपनों की धरोहर को ।

->बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर . . . . ॥

 

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लेखक–> सुदीश भारतवासी

 

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