भूत बना गोलू का टीचर
भूत बना गोलू का टीचर

 भूत बना गोलू का टीचर 

( Bachon ki kahani )

 

एक गांव में एक गोलू नाम का लड़का रहता था उसके परिवार में कुल पांच सदस्य थे । उसकी मम्मी पापा, उसके दादाजी, गोलू और उसकी बड़ी बहन ।
गोलू की बड़ी बहन पढ़ने में बहुत होशियार थी इसलिए घर और स्कूल में हर कोई उसकी बहन को बहुत प्यार करते थे ।
लेकिन गोलू का मन पढ़ने में में नही लगता था इस वेज से वह पढ़ने में कमजोर था इसलिए उससे कोई प्यार नही करता था । घर में हर कोई उसे हमेशा डांटता था ।
स्कूल में भी उसको डाँट पड़ती थी और उसके दोस्त उसके कम नंबर आने पर उसका मजाक उड़ाते थे ।
टीचर उसे रोज पढ़ने को बोलते लेकिन उसका मन पढ़ाई के बाजय खेलने में लगता था । वह हमेशा पढ़ाई से जी चुरा के खेलने निकल जाया करता था ।
एक दिन उसके स्कूल में टेस्ट हुआ टेस्ट का जब परिणाम आया तो गोलू को जीरो नंबर मिले थे और इसकी वजह से मास्टर साहब ने गोलू को खूब डांट लगाई और स्कूल से निकालने के बात कही और दोस्त भी उस पर खूब हंसे ।
जब गोलू स्कूल से घर वापस आया तो सब ने उसे खूब डांट डाँट लगाई । वह अपने कमरे में जाकर खूब रोया  लेकिन थोड़ी देर बाद खेलने निकल गया लेकिन ये क्या आज उसके दोस्तों ने उसे खेल में शामिल नही क्या यहाँ तक कि उससे बात भी नही की जिससे गोलू बहुत उदास हो गया उस समझ नही आया कि अब क्या करे ।
क्योकि उसके पढ़ाई न करने की वजह से उसके बदोस्त भी उससे बात नही कर रहे थे और उसे खेल में शामिल नही किये उसके गांव में एक बड़ा सा पेड़ था ।
गोलू उस पेड़ के नीचे बैठ रुओ रहा था । कुछ देर बाद पेड़ से एक आवाज सुनाई दी । पर गोलू को कोई नज़र नही आया फिर कई बार आवाज सुनाई दी तो गोलू ने पूछ कौन हो ।
यह आवाज भूत की थी । गोलू ने अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखा की आखिरी आवाज कहां से आ रही है । फिर उसने देखा एक आदमी पेड़ से कूदा ।
उसको देख के पहले गोलू डर गया फिर उसने पूछा आप कौन हो और कैसे पता ? तब भूत ने कहा कि मुझे सब कुछ पता है सब गॉव वालो के बारे में पता है ।
तुम उदास हो क्योंकि तुम्हें स्कूल में और घर पर डांट पड़ी है और तुम्हारे दोस्तो ने तुम्हारा मजाक उड़ाया है और अपने साथ खेल में शामिल नही क्या ।
फिर गोलू ने अपनी सारी परेशानी उस भूत को बता दी । भूत फिर गोलू से लहिब सारी बाते किया क्योकि उस पेड़ पर भूत होने के डर से कोई उस पेड़ के पास खेलने नही आता था ।

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गोलू और भूत की दोस्ती हो गई । गोलू रोज उस पेड़ के साथ स्कूल से आने के बाद खेलने जाने लगा । भूत और गोलू खूब खेलते है बाते करते ।
भूत रोज गोलू का होमवर्क कर देता था इस एझ से गोलू को स्कूल में और घर डाँट डंट नही पड़ती थी ।
गोलू भूत को स्कूल की सारी बाते बताया करता था । फिर गोलू की वार्षिक परीक्षा आ गई तो गोलू ने अपनी परेसानी भूत को बताई ।
फिर बहुत रोज गोलू के साथ खेलने के अलावा पढ़ाने लगा । भूत इतने अच्छे से गोलू को सारी चीजें पढ़ाता की गोलू का मन पढ़ाई में भी लगने लगा ।
फिर स्कूल में परीक्षा हुई । ज परीक्षा परिणाम आया तो गोलू को क्लास में सबसे ज्यादा नंबर मिले थे । सबने गोलू को शाबासी दी । गोलू मन ही मन अपने भूत दोस्त को धन्यवाद कहा ।

लेखिका : अर्चना 

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