Monthly Archives: November 2020
लालच बुरी बलाय
लालच बुरी बलाय
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सदैव हलाल की कमाई खाएं,
किसी के आगे हाथ न फैलाएं।
ऊपर वाला जिस हाल में रखें-
ख़ुशी ख़ुशी जीवन बिताएं,
आवश्यकता से अधिक न चादर...
मां की वेदना
मां की वेदना
मां कोख में अपने
खून से सींचती रही।
अब तुम बूंद पानी
देने को राजी नहीं।
मां थी भूखी मगर
भरपेट खिलाती रही।
अब तुम इक रोटी
देने को...
ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए
ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए
ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए!
है उछल कूद ये आदमी देखिए
भा गयी है आंखों को सूरज की...
वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए
वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए
ऊंचे नीचे पथरीले रास्ते का प्रारब्ध सफर
कारवां गुजर जाने के बाद धुंधला दिखा
जीवन का बहुमूल्य अंश बीत...
हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी
हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी
हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी।
धुआँ- सा उठ रहा...
बभ्रुवाहन-एक योद्धा
# कहानी_से_पहले_की_कहानी
★★ महाभारत के बाद मुनि वेदव्यास और श्री कृष्णजी ने धर्मराज...
है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन
है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन
है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन!
साथ में दोनों चलेगे एक दिन
छोड़कर जिद वो नज़ाकत की मगर
बात दिल...
गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से
गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से
गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से।
न बेशक बाज़ आता है अभी भी दिल दुखाने से।।
सदा...
ढा रहे अपने सितम ये
ढा रहे अपने सितम ये
ढा रहे अपनें सितम ये
हो गया कैसा वतन ये
हम मिटा देगे अदूँ को
जान से प्यारा वतन ये
सब मिटा देगे जहां...