Monthly Archives: December 2020

आ जा कि दिल उदास है | Udas poetry

आ जा कि दिल उदास है ( Aaja ki dil udas hai )   ☘️☘️   तुझसे बिछड़ के बहुत दूर हुऐ जा रहें हैं हम तेरे नजदीक आने का...

उठे जब भी कलम

उठे जब भी कलम *****लिखेंगे सच सच हम, खाएं सब कसम! लाज साहित्य की बचायेंगे, किसी प्रलोभन में न आयेंगे। न बेचेंगे अपनी कलम, लेखनी से जनांदोलन छेड़ेंगे हम। उठाएंगे बेबस...

दिल्ली की सड़क पे किसान है़

दिल्ली की सड़क पे किसान है़    दिल्ली की सड़क पे किसान है़! यहां हर तरफ़ ये उफान है़  सुनी रहनुमा ने नहीं ज़बां क़िस्मत के मारे किसान है़  करो...

समय आए तभी होते जहां में काम सारे ही

समय आए तभी होते जहां में काम सारे ही   समय आए तभी होते जहां में काम सारे ही। नहीं आया समय तो फिर हुए नाकाम सारे...

हम क्या जिंदगी में करे अब

हम क्या जिंदगी में करे अब    हम क्या जिंदगी में करे अब हाँ बेरोजगारी  हुऐ अब  लूटा अपनों ने सब कुछ मेरा कहां जाकर के हम रहे अब  बातें...

क्यूं चाहते हो इतना

क्यूं चाहते हो इतना    मुझे खूबसूरत पहेली बताता है जो आंखों से नींदे मेरी चुराता है वो  ख्वाबो से हटाकर धूल की परतें रुह को मेरी महकाता है...

मैं अक्सर

मैं अक्सर   मैं अक्सर गली में बजती तुम्हारी पायल के घुँघरुओं की रुनझुन से समझ लेता हूँ तुम्हारा होना......  बजती है जब-जब सुबह-शाम या दोपहर जगाती है दिल की धड़कन और देखता हूँ...

देखकर चलना तू अजनबी राहें है

देखकर चलना तू अजनबी राहें है    देखकर चलना तू अजनबी राहें है! हर क़दम पे  भरी दुश्मनी राहें है  नफ़रतों की राहों पे खोया हूँ मैं तो खो...

रोज़ चलके देखा उल्फ़त दोस्ती की राह पे

रोज़ चलके देखा उल्फ़त दोस्ती की राह पे    रोज़ चलके देखा उल्फ़त दोस्ती की राह पे चोट खाली है वफ़ाओ आशिक़ी की राह पे  उसका चेहरा दर्द...

किसानों की सुन ले सरकार!

किसानों की सुन ले सरकार! ******* आए हैं चलकर दिल्ली तेरे द्वार, यूं न कर उनका तिरस्कार; उन्हीं की बदौलत पाते हम आहार। सर्द भरी रातों में सड़कों पर...