Monthly Archives: January 2021

Dard Bhari Ghazal -तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है

तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है ( Tamsssha Aisa Bhi Hamne Sare Bazar Dekha Hai )   तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है।। दिखावे के सभी...

Book Review : Aaka Badal Rahe Hain -पुस्तक समीक्षा: आका बदल...

  पुस्तक समीक्षा: आका बदल रहे हैं ( गजल संग्रह ) ( Book Review: Aaka Badal Rahe Hain )               लेखक:...

Sad Shayari -यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!

यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! ( Yahaan Roz Lab Pe Khamoshi Rahi Hai )   यहां रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! कहीं प्यार की ही...

Ja-Ra-Mat Bhojpuri Kavita -जरअ मत !

जरअ मत !  ** (भोजपुरी भाषा में) ******   ना त राख हो जइब, कोयला नियर खाक हो जइब। बाॅडी मास ( Body, Mass ) सब हो जाई हवा, एकर नइखे कवनो...

Geet by Dr. Alka Arora | यादें यूँ भी पुरानी चली...

यादें यूँ भी पुरानी चली आई ( Yaaden Yoon Bhi Purani Chali Aai )    मन की बाते बताये तुम्हें क्या है ये पहली मुहब्बत हमारी भले दिन थे...

Hindi Poetry On Life -जिंदगी कटी पतंग है

जिंदगी कटी पतंग है ( Jindagi Kati Patang Hai )    जिंदगी कटी पतंग है, कठिनाइयों से तंग है!! छोर का पता नहीं कुछ डोर का पता नहीं जाएगी...

मकर संक्रांति ( हाइकु )

मकर संक्रांति ( हाइकु )   १. संक्रांति पर्व गुड़ तिल चुड़ा का- महत्त्व बड़ा। २. उत्तरायण सूर्य की रश्मियों में- तेज बहुत। ३. दिखे आकाश पतंगबाजी कला- उड़ाएं बच्चे। ४. डुबकी लगे जलधि सरोवर- आलस्य मिटे। ५. दान ध्यान में दीन हीन की...

Hindi Poetry -मकर संक्रांति

मकर संक्रांति   चुड़ा गुड़ चीनी दही तिल का लगाओ भोग उत्तरायण का पर्व आज है मिलकर मनाओ लोग खिली धूप है ले बच्चों को किसी मैदान में जाएं ठंडी ठंडी हवा...

Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने

आँखें उनकी है मयखाने ( Aankhen Unki Hai Mainkhane )    आँखें उनकी है मयखाने। ओठ लगे जैसे पैमाने।।   गालों की रंगत है ऐसी। लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।   थाम दिलों को...

Sad Ghazal -जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां

जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहा    जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां कट रही ये जिंदगी आज़म अकेली है यहां  खा गया हूँ...