Monthly Archives: July 2021
बरसो मेघा प्यारे | Kavita
बरसो मेघा प्यारे
( Barso megha pyare )
तपती रही दोपहरी जेठ की
आया आषाढ़ का महीना
धरा तपन से रही झूलसती
सबको आ रहा पसीना
कारे कजरारे बादल सारे
घिर...
हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है | Sad Shayari
हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है
( Haan khayi jeest mein thokar bahut hai )
हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है
जिग़र पे इसलिए नश्तर...
पर्वत प्रदेश में पावस | Kavita
पर्वत प्रदेश में पावस
( Parvat Pradesh Mein Pavas )
पावसी बूंदे पड़ते ही पर्वत झूमने है लगते..
पेड़ पौधे फूल सभी मुस्कुराने है लगते ..
चट्टानों पर...
कलम की आवाज | Kavita
कलम की आवाज
( Kalam ki aawaj )
( मेरी कलम की आवाज सर्वश्रेष्ठ अभिनेता दिलीप साहब जी को समर्पित करती हूं )
"संघर्षों से जूझता रहा...
छोड़ दिया | Chhod Diya
छोड़ दिया
( Chhod diya )
धीरे धीरे ही मगर छोड़ दिया,
तेरी आदत सी पड़ गयी थी मुझे।
कब तलक बेजती को सहते हम,
खुद से नफरत सी...
सड़क सुरक्षा | Kavita
सड़क सुरक्षा
(Sadak Suraksha )
अपने और अपने परिवार पर कुछ तो तरस खाइए
सड़क पर यूँ लापरवाही से गाड़ी मत चलाइएँ ।
जिंदगी है अनमोल रत्न इसे...
दोहा दशक | Doha Dashak
दोहा दशक
( Doha Dashak )
फिर चुनावी मौसम में, बारूदी है गंध।
खबरों का फिर हो गया,मजहब से अनुबंध।
अपनों से है दूरियां,उलझे हैं संबंध।
भावों से आने...