Monthly Archives: March 2022

आज वो इंकलाब लिख दूँगा | Ghazal

आज वो इंकलाब लिख दूँगा! ( Aaj wo inquilab likh dunga )    आज वो इंकलाब लिख दूँगा! हर अदू का हिसाब लिख दूँगा  हो  महक हर पन्ने उसी...

महंगाई | Kavita mehngai

महंगाई ( Mehngai )   महंगाई ने पांव पसारे कमर तोड़ दी जनता की सुरसा सी विस्तार कर रही बढ़ रही दानवता सी   आटा दाल आसमान छूते भुगत रहे...

न दिल के छेड़ तू | Romantic love ghazal

न दिल के छेड़ तू ( Na dil ke chhed tu )    न दिल के छेड़ तू नग्मात प्यारे ! समझ दिल के मगर ज़ज्बात प्यारे   यहाँ तो...

मन के नयन हजार | Geet man ke nayan hajaar

मन के नयन हजार ( Man ke nayan hajaar )   चंचल मन ले रहा हिलोरे, उमड़े भाव विचार। मन की अखियां खोलिए, मन के नयन हजार। मन के...

शीतला माता | Poem sheetla mata

शीतला माता ( Sheetla Mata )   शीतलता दात्री शीतला, शीतल करे हरे सब पीरा। जा पर कृपा करें माँ भवानी सहाय करे रघुवीरा।   गर्दभ हो विराजित माता, कलश...

नजरों का धोखा | Doha nazron ka dhokha

नजरों का धोखा ( Nazron ka dhokha )   नजरें  धोखा  खा  गई, कैसी  चली  बयार। अपनापन भी खो गया, गायब सब संस्कार।   नजरों का धोखा हुआ, चकाचौंध...

चक्र सुदर्शन धारी | Poem chakra sudarshan dhari

चक्र सुदर्शन धारी ( Chakra sudarshan dhari )   चक्र सुदर्शन धारी केशव लीला अपरंपार तेरी मंझधार में डूबी नैया आकर करना पार मेरी   मुरली मोहन माधव तेरी मधुर...

टुकड़ों में बटी ज़िंदगी | Poem tukadon mei bati zindagi

टुकड़ों में बटी ज़िंदगी ( Tukadon mein bati zindagi )   टुकड़ों में बटी ज़िंदगी जोड़ूँ कैसे सुलझाती इस ज़िंदगी को उलझ जाती हूँ कभी मैं सुलझाऊँ 'गर खुद को तो उलझ कर रह जाये ज़िंदगी टुकड़ों का...

“होली के रंग भोजपुरी के संग” काव्यमय होली मिलनोत्सव

"होली के रंग भोजपुरी के संग" काव्यमय होली मिलनोत्सव होली और 'अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस' के पावन पर्व का स्वागत करने के लिए "अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम"...

निबंध : सतत विकास का लक्ष्य और भारत | Essay in...

निबंध : सतत विकास का लक्ष्य और भारत ( Sustainable Development Goals and India : Essay in Hindi )प्रस्तावना - सतत विकास सिद्धांत का संबंध एक...