Monthly Archives: May 2022
धरती की पुकार | Kavita dharti ki pukar
धरती की पुकार
( Dharti ki pukar )
जब धरती पे काल पड़ जाए हिमपात भूकंप आए
वृक्ष विहीन धरा पे बारिश कहीं नजर ना आए
ज़र्रा ज़र्रा...
आड़ी तिरछी राह जिंदगी | Aadi tirchi raah zindagi | Kavita
आड़ी तिरछी राह जिंदगी
( Aadi tirchi raah zindagi )
हो रही गुमराह जिंदगी आड़ी तिरछी राह जिंदगी
बदल रही जीने की राहें ढूंढ रही पनाह जिंदगी
सद्भावों...
बरगद | Bargad laghu katha
बरगद
( Bargad )
डॉ अलका अरोडा जी की मानवीय मूल्यों को जीवन्त करती लघुकथा
सुबह सुबह प्रेम की एसी झडी
मैं पतिदेव से पूछ ही बैठी -
प्रेम...
म्हारी नखराळी साळी | Marwadi Rachna
म्हारी नखराळी साळी
( Mhari nakhrali sali )
सुण म्हारी नखराळी साळी,गोरी ए मतवाळी
मेळो देखण चालां आज्या,लारै म्हारै भोळी भाळी
बळखाती इतराती चालै,बहती पून सी कयां हालै
देख...
अनोखा रिश्ता | Hindi katha
अनोखा रिश्ता
( Anokha rista : Hindi kahani )
कुर्सी पर बैठी 50 वर्षीय निता आग बबूला थी और गुस्से में बडबडा़ रही थी - "...
कहीं किसी रोज | Kahin kisi roz | Kavita
कहीं किसी रोज
( Kahin kisi roz )
आओ हम चले कहीं मिले कभी किसी रोज।
महफिल जमाकर बैठे मौज से करेंगे भोज।
पिकनिक भ्रमण करें घूमे हसी...
साळी दैव ओळमो | Marwadi sahitya
साळी दैव ओळमो
कदे जलेबी ल्यायो ना
हंस हंस क बतलायो ना
वार त्योहारां आयो ना
हेतु घणों बरसायो ना
मैळो कदे दिखायो ना
गाड़ी म घुमायो ना
घूमर घालैण आयो...
चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita
चाहें तुमसे भी बतियाना
( Chahe tumse bhi batiyana )
नये पौधों को पानी देकर, बूढ़े बरगद को भी जाना ।
बूढ़े है वो अपने घर के,...
पायल | Payal kavita
पायल
( Payal )
कहीं सीमा का बंधन देखो
कहीं रात अलबेली है
पैरों की पायल है मेरी
या जंजीर की बेडी है
रुके रुके कदमों से देखो
अठखेली ये करती...
कभी उस शहर कभी इस शहर | kabhi us shahar kabhi...
कभी उस शहर कभी इस शहर
( Kabhi us shahar kabhi is shahar )
कभी उस शहर
कभी इस शहर
गरजते, बरसते
आखिर
कुछ बादल
मेरे शहर भी
आकर छा ही गयेकुछ...