Monthly Archives: July 2022

खूब रहते अपने ख़फ़ा घर में | Poem khafa

खूब रहते अपने ख़फ़ा घर में ( Khoob rahte apne khafa ghar mein )   ख़ूब रहते अपनें ख़फ़ा घर में ! अपनों की सहते है जफ़ा घर...

आया सावन झूम के | Geet Aya Sawan Jhoom Ke

आया सावन झूम के ( Aya Sawan Jhoom Ke ) ( 1 )    इठलाता बल खाता आया झूमता मदमाता आया। झूम झूमकर सावन आया हरियाला सावन हर्षाया। आया सावन...

ना ही इंकार ना ही इजहार | Na hi inkar na...

ना ही इंकार ना ही इजहार ( Na hi inkar na hi izhar )   ना ही इन्कार किया और ना ही इजहार किया। तुझको आँखों में बसा...

कलम का पुजारी | Kalam ka pujari | Kavita

कलम का पुजारी ( Kalam ka pujari )   नजर उठाकर देखो जरा, पहचान लीजिए। कलम का पुजारी हूं, जरा ध्यान दीजिए।   शब्दों की माला लेकर, भाव मोती पिरोता...

भोले बाबा बम बम | Bhole baba bam bam

भोले बाबा बम बम ( Bhole baba bam bam )   अगम अगोचर अविनाशी शिव शंकर भोलेनाथ जगतपति जगपालन कर्ता विघ्नहर्ता विश्वनाथ   शंकर बाबा डमरू वाले हे नीलकंठ नटराज भोले...

कच्चे मकान बरसाती रातें | Poem kache makan

कच्चे मकान बरसाती रातें ( Kache makan barsati raatein )   चलो कच्चे मकानों में, गरीबों के ठिकानों में। बरसाती राते देखो, उनकी जिंदगानी है।   छप्पर टपके पानी, नैन टपकता नीर। जलमग्न हो...

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है | Suneet Shayari

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है ( Hamane jaate hue raste ko mud kar dekha hai )   हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है निगाह...

बरसे न सवनवा | Barase na savanava | Kajri geet

बरसे न सवनवा ( Barase na savanava )   बहे जोर-जोर पुरवा बस पवनवा सखी बरसे न सवनवा ना ….2 जब से बरखा ऋतु है आई बदरी नभ में ना...

शिव | Shiva kavita

शिव ( Shiva )   अंग भस्म रमाए बाबा, हे नंदी के असवार। गंग जटा समाए बाबा, हे जग के करतार।   भोलेनाथ डमरू वाले, शिव सब देवों के देव। खोलो...

नजर फेर कर चले कहां | Nazar pher kar chale kahan

नजर फेर कर चले कहां ( Nazar pher kar chale kahan )   महक रही मस्त हवाये चमन खिले हम मिले जहां ओ मनमौजी छोड़ हमें नजर फेरकर...