Monthly Archives: August 2022
जयपुर | Jaipur par kavita
जयपुर
( Jaipur )
नगर गुलाबी जयपुर प्यारों सुंदर है आलीशान।
राजधानी राजस्थान की रही रजपूतों की शान।
रत्न जड़ाऊ मीनाकारी कारीगरी यहां बेजोड़।
शिल्पकला मुख से कहती कोई...
सुुुनो | Poem suno
सुुुनो
( Suno )
सुुुनो...वो बातजो थी तबनहीं है अबजब आँखों मेंछिपी उदासियाँपढ़ लेते थेलबों पर बिछींखामोशियाँसुन लेतेे थे ....तुमफुर्सतों में भीअब वोबात नहींवो तड़प,वो ललकनहीं...
ओज भरी हुंकार | Kavita oj bhari hunkar
ओज भरी हुंकार
( Oj bhari hunkar )
मैंने लिखे गीत तराने मधुर मधुर मुस्कान लिए।
अंतर्मन भाव सुहावने भारत मां की शान लिए।
राष्ट्रदीप ले स्वाभिमान के...
परमपिता परमेश्वर मेरे | Shyam prarthana
परमपिता परमेश्वर मेरे
( Param Pita Parmeshwar Mere )
हे कृपा निधान करुणानिधान
दो वरदान
परमपिता परमेश्वर मेरे
हे जग करतार गीता का सार
पार्थ सारथी कृष्ण मुरारी
संकट दूर करो...
कर्जदार | Karjdar | Kavita
कर्जदार
( Karjdar)
धरती अंबर पर्वत नदियां सांसे हमने पाई है।
पेड़ पौधे मस्त बहारें सब दे रहे हमें दुहाई है।
मातपिता का कर्ज हम पर प्रेम बरसाते।
कर्जदार...
बुजुर्ग | Atukant kavita
बुजुर्ग
( Buzurg )अतुकांत कविता
अधेड़ सी उम्र सफेद बालों वाले बुजुर्ग
जीवन का अनुभव लिए हुए दुनिया काजाने क्या-क्या उतार-चढ़ाव देखे होंगे
कितने आंधी और तूफान आए...
अति शीघ्रता | Laghu katha in Hindi
अति शीघ्रता
( Ati shighrata )
शशि ने पति की गाड़ी पर बैठे बैठे एक व्यक्ति को तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हुए देखा उसकी मोटरसाइकिल का...
मन एक परिंदा है | Poem man ek parinda hai
मन एक परिंदा है
( Man ek parinda hai )
ये मन एक परिंदा है उड़ाने ऊंची भरता।
स्वप्न लोक विचरण सकल विश्व करता।
मन के नयन हजार...
शहर में बढ़ते हुक्का बार | Hookah bar par kavita
शहर में बढ़ते हुक्का बार
( Shahar mein badhte hookah bar )
थोड़ा समझो मेरे यार शहर में बढ़ते हुक्का बार।
नशे ने घेर लिया है सबको...
अभिमान | Poem abhimaan
अभिमान
( Abhimaan )
किस बात का गुरूर है क्यों है मगरूर तू
क्या तूने कर दिया क्यों है नशे में चूर तू
गर्व ही करना तो कर...