मां की पुण्यतिथि | Kahani Maa ki Punyatithi

एक विद्यालय में महिला अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए आई वह प्रधानाचार्य जी से कहे जा रहे थी -"देखिए यह सामने दरवाजा...

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी | Acharya Shri Mahapragya Ji

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी  ( Acharya Shri Mahapragya Ji )   महाप्रज्ञ जी का ध्यान धर ले । अपनी नैया भव से हम पार लगा ले | खेवैया बनकर...

चुनाव परीक्षा पर्व | Kavita Chunav Pariksha Parv

चुनाव परीक्षा पर्व  ( Chunav Pariksha Parv )   कल चुनाव परीक्षा पर्व है हमारा आप पर गर्व हैतैयारी करो तन मन से उत्तीर्ण होना परीक्षा पर्व हैमानस बना...

माँ की यादें | Kavita Maa ki Yaadein

माँ की यादें ( Maa ki Yaadein ) ( 2 ) मां ही चंपा चमेली थी , मां ही तुलसी केसर थी , मां के ही पूजा पाठ से...

जरा सी आंख क्या लगी | Zara si Aankh Kya Lagi

जरा सी आंख क्या लगी ( Zara si Aankh Kya Lagi )   जरा सी आंख क्या लगी शाम ढलने लगी। सिंदूरी होकर हसीन सी वह मचलने...

बस्ता | Kavita Basta

बस्ता ( Basta )   पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो...

हे रावी | Kavita Hey Ravi

हे रावी! ( Hey Ravi ) मुझे जिसकी तक़दीर पे आज भी अभिमान है वो भूखा-नंगा ही सही, मेरा हिन्दुस्तान है इस बांस-बन में छांव का आना है सख्त मना, चांद को...

योगी बन | Kavita Yogi Ban

योगी बन ( Yogi Ban )   ध्यान धर चिंतन कर योगी बन तू कर्म योगी बन नित नव नूतन हर पल कर सफल अपना जीवन योगी बन नश्वर जगत नश्वर...

हे वागेश्वरी मैया, ऐसा वर दे

हे वागेश्वरी मैया ,ऐसा वर दे   मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । गुंजित कर मधुमय गान , नव रस लहर मानस...

बंजारा की दो नयी कविताएँ

बंजारा की दो नयी कविताएँ ( 1 )  देवता कभी पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें देवता कभी मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें देवता कभी प्लास्टिक में देखे...