जरा सी आंख क्या लगी | Zara si Aankh Kya Lagi

जरा सी आंख क्या लगी ( Zara si Aankh Kya Lagi )   जरा सी आंख क्या लगी शाम ढलने लगी। सिंदूरी होकर हसीन सी वह मचलने...

बस्ता | Kavita Basta

बस्ता ( Basta )   पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो...

हे रावी | Kavita Hey Ravi

हे रावी! ( Hey Ravi ) मुझे जिसकी तक़दीर पे आज भी अभिमान है वो भूखा-नंगा ही सही, मेरा हिन्दुस्तान है इस बांस-बन में छांव का आना है सख्त मना, चांद को...

योगी बन | Kavita Yogi Ban

योगी बन ( Yogi Ban )   ध्यान धर चिंतन कर योगी बन तू कर्म योगी बन नित नव नूतन हर पल कर सफल अपना जीवन योगी बन नश्वर जगत नश्वर...

हे वागेश्वरी मैया, ऐसा वर दे

हे वागेश्वरी मैया ,ऐसा वर दे   मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । गुंजित कर मधुमय गान , नव रस लहर मानस...

बंजारा की दो नयी कविताएँ

बंजारा की दो नयी कविताएँ ( 1 )  देवता कभी पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें देवता कभी मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें देवता कभी प्लास्टिक में देखे...

रह गए काम अधूरे | Geet Rah Gaye Kaam Adhure

रह गए काम अधूरे ( Rah Gaye Kaam Adhure )   जाने किस मुश्किल में खोए, सपने हुए ना पूरे। बीत गई उमरिया पल पल, रह गए...

तुम्हे रोना नहीं है | Kavita Tumhe Rona Nahi Hai

तुम्हे रोना नहीं है ( Tumhe Rona Nahi Hai )   हे! पुरुष! तुम्हे रोना नहीं है खो जाना है सबमे मगर खुद मे होना नहीं है हे पुरुष!...

काव्य मिलन | Kavita Kavya Milan

काव्य मिलन ( Kavya Milan )   माँ-बाप से बढ़कर, हमें करता कोई प्यार नहीं, उनसे ही वजूद हमारा उनके बिना संसार नहीं, हाथ पकड़कर चलना वो ही...

आज की शादी में | Kavita Aaj ki Shaadi mein

आज की शादी में ( Aaj ki shaadi mein )   हो रहा है सतरंगी आकाश आज की शादी में बारात आई है इस शहर की घनी...