जो कुछ उम्दा | Jo Kuch Umda
जो कुछ उम्दा
( Jo kuch umda)
नया / पुराना / अभी का/ तभी का
जो कुछ भी है/ जहांँ भी/कहीं का/
हर क्षेत्र का/ हर विधा...
आडंबर | Aadambar
आडंबर
( Aadambar )
करुण रस की रचना
पुकारता वह रह गया कोई बचा लो मुझे,
भीड़ व्यस्त थी बहुत वीडियो बनाने में!
ठंड में ठिठुर रहा था बेतहाशा...
कविताएंँ रहेंगी | Kavitayen
कविताएंँ रहेंगी......
( Kavitayen rahengi )
हृदय को संवेदना की
कसौटी पर कसेंगी
कुछ रहे न रहे
कविताएंँ रहेंगी
मेरी- तेरी ,इसकी -उसकी,
मुलाकातें ,जग की बातें,
जगकर्ता के क़िस्से कहेंगी
कुछ रहे...
मैं कोई फरिश्ता नहीं | Farishta
मैं कोई फरिश्ता नहीं!
( Main koi farishta nahi )
इतना काफी है जमाने को बताने के लिए,
आजकल आती नहीं हमको रुलाने के लिए।
कहानी तैरती है...
भ्रम | Bhram
भ्रम
( Bhram )
जो गति तेरी वो गति मेरी,जीवन भ्रम की छाया है।
नश्वर जग ये मिट जाएगा, नश्वर ही यह काया है।
धन दौलत का मोह...
पिताजी आप कहाॅं चलें गए | Pitaji
पिताजी आप कहाॅं चलें गए
( Pitaji aap kaha chale gaye )
अनेंक उपकार करके पिताजी आप कहाॅं चलें गए,
अपनें दुःख ग़म को छुपाकर आप संग...
योग पर कविता | Poem on Yoga in Hindi
योग पर कविता
( Yoga par kavita )
थका हुआ जब पाओ तुम
योगा को अपनाओ तुमयोगा से भागे रोग सभी
खुशियां होंगी पास तभीअनुलोम-विलोम किया करो
जीवन जी...
योग | Yoga Diwas
योग !
( Yoga )
( विश्व योग दिवस विशेष )
खिला -खिला रहता है जीवन,
जो भी योग अपनाता।
छिपी हैं योग में अनंत शक्तियाँ,
पर विरला इसे जगाता।
प्राणायाम...
21 जून की ख़ास पहचान | 21 June ki Khaas Pahchan
21 जून की ख़ास पहचान
( 21 June ki khaas pahchan )
सारी ज़िन्दगी अपने-आप को स्वस्थ वही है पाता,
आनंदित प्रफुल्लित होकर योगाभ्यास जो करता।
मानसिक शारीरिक...
बचा लो सृष्टि भगवान | Bachalo Srishti Bhagwan
बचा लो सृष्टि भगवान!
( Bachalo srishti bhagwan )
अनर्थ व्यापक हो रहे हैं
धरती धरा पर
दुष्ट आततायी बढ़ रहे हैं
धरती धरा पर
बढ़ रहे हैं जुल्म यहाँ...