Hindi Kavita On Women -नारी
नारी
( Nari Kavita )
नर से धीर है नारी ...
घर में दबी बेचारी ,
कभी बेटी कभी बहू बने ,
कभी सास बन खूब तने,
एक ही जीवन...
अनिंद्य सुंदरी | Anindh Sundari
"अनिंद्य सुंदरी"
( Anindh Sundari )
सदियों से
तुमसे दीप्त सूर्य
और प्रदीप्त होकर चांँद
भूधर पाकर
अपरिमित साहस
अवनि अनंत धैर्य
उर में धरती है
पग धरती हो तुम
उपवन में या मन...
कह देना चाहिए | Kah Dena Chahiye
कह देना चाहिए
( Kah dena chahiye )
जीवन में कह देना चाहिए
हां बहुत प्यार करते हैं
हम बच्चों को बहुत डांटते
गुस्सा तो कभी चिल्लाते हैं
हर काम...
फुरसत मिली | Poem fursat mili
फुरसत मिली
( Fursat mili )
फुरसत मिली, पढ़ लूं तहरीरें लिखी
जो पानियों ने पानी परसुना है जनमों से सब्र लिये बहता है
कोई आबशार किसी के...
आडंबर | Aadambar
आडंबर
( Aadambar )
करुण रस की रचना
पुकारता वह रह गया कोई बचा लो मुझे,
भीड़ व्यस्त थी बहुत वीडियो बनाने में!
ठंड में ठिठुर रहा था बेतहाशा...
बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है | Poem bujurgon ka samman
बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है
( Bade bujurgon ka samman jaruri hai )
बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है,
दिल में पलते भी अरमान ज़रूरी है,
यार...
हनुमान जी | Kavita Hanuman Ji
हनुमान जी
( Hanuman Ji )
मैं नादान मैं नकारा आया आपके द्वार हे प्रभु हनुमान,
तेरी मुआख़जा में रहूं मुवाजहा हो मेरे प्रभु हनुमान।
तू नबी है...
धरा हरसाई | Chhand Dhara Harsai
धरा हरसाई
( मनहरण घनाक्षरी )
वसुंधरा मुस्काई है, ऋतु बसंत आई है।
खिलने लगे चमन, बहारें महकती।
झूम उठी धरा सारी, नाच रहे नर नारी।
पुष्प खिले भांति...
कल और आज | Kal aur Aaj
कल और आज
( Kal aur aaj )
पहले जब सात्विक खाते थे,
तब हम तंदुरुस्त कहलाते थे।
आज केएफसी में जाते हैं,
तामसी आहार मंगवाते हैं।
पहले घर पर...
घर की देवी | Ghar ki devi par kavita
घर की देवी
( Ghar ki devi )
ज्ञान के आभूषण से अलंकृत
महत्वकांक्षी,आत्मसम्मान से भरी
जीवन के संघर्षो से नही हारी
सशक्त हूं तृष्णाओं से परे हूं ।।
ओज...