कविता परिवर्तन | Kavita Privartan

कविता परिवर्तन ( Kavita Parivartan )   सोचने को मजबूर एक सोच सुबह के आठ बजे आते हुए देखा एक बेटी को शौच करते हुए नजरें मैंने घुमा ली शर्म...

हिन्द की हिंदी | Kavita Hindi Ki Hindi

हिन्द की हिंदी ( Hindi Ki Hindi )  स्वर ध्वनि शब्दों की हिंदी भाषाअमृत धारा सी बह रही हैरगो में शीतल सरिता सी चलकरसांसों के सागर...

ज्ञान अनमोल खजाना है | Kavita gyaan anamol khazana hai

ज्ञान अनमोल खजाना है  ( Gyaan anamol khazana hai )  ज्ञान अनमोल खजाना हैबांट सका है कौन इसे ? न भाई बंधु जमाना हैअनमोल रतन है हर...

पुड़िया का नशा | Kavita pudiya ka nasha

पुड़िया का नशा ( Pudiya ka nasha )   पुड़िया खा मुंह भरे गुटखा का रसपान सड़क दीवारें हो गई अब तो पिक दान   दंत सारे सड़ने लगे उपजे...

अधर में आदमी | Kavita adhar mein aadmi

अधर में आदमी ( Adhar mein aadmi )   अधर आदमी लटक रहा नीचे विषधर फैले हैं। भगवान रखवाला सबका जीवन के झमेले हैं।   जो दिग्गज है जोर उनका...

वो आखरी सलाम था | Kavita aakhri salaam

वो आखरी सलाम था ( Wo aakhri salaam tha )   सीमा से तिरंगे में लिपटा वो अमर सपूत घर आया नैनों से अश्रुधारा बहती सबका कलेजा भर...

प्रथम हो शिक्षक का सम्मान | Geet shikshak ka samman

प्रथम हो शिक्षक का सम्मान ( Pratham ho shikshak ka samman )    गुरु है गुण निधियों की खान प्रथम हो शिक्षक का सम्मान गुरु है ज्ञान का सागर...

सुख और दुःख | Poem sukh aur dukh

सुख और दुःख ( Sukh aur dukh)   भेंट हुआ एक दिन सुख दुःख कादुःख ने खबर लिया तब सुख का, दुःख बोली ओ! प्यारी बहनाकितना मुस्किल तुमसे...

शिक्षक दिवस | Poem shikshak diwas

शिक्षक दिवस ( Shikshak diwas )   गुरु ज्ञान की गंगा पावन अनुभव भरा खजाना है शब्द शब्द अनमोल मोती गुरु श्रीमुख से पाना है   दिव्य प्रज्ञा जोत जलाते...

हो शालू | Bhojpuri kavita ho Shalu

हो शालू! ( Ho Shalu )  झमकावेलू, आंख देखावेलू लचकावेलू, मटकावेलू धमकावेलू, महटियावेलू ना आवेलू, अंठियावेलू सुनावेलू, सतावेलू।  लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर सलेमपुर, छपरा, बिहार । यह भी पढ़ें : https://thesahitya.com/manjoor-ke-dohe/