क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां
क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां
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साजिश की बू आ रही है
घड़ी घड़ी उसकी याद आ रही है
इंतजार करके थक गया हूं
फिर भी नहीं आ...
लालच बुरी बलाय
लालच बुरी बलाय
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सदैव हलाल की कमाई खाएं,
किसी के आगे हाथ न फैलाएं।
ऊपर वाला जिस हाल में रखें-
ख़ुशी ख़ुशी जीवन बिताएं,
आवश्यकता से अधिक न चादर...
मां की वेदना
मां की वेदना
मां कोख में अपने
खून से सींचती रही।
अब तुम बूंद पानी
देने को राजी नहीं।
मां थी भूखी मगर
भरपेट खिलाती रही।
अब तुम इक रोटी
देने को...
वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए
वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए
ऊंचे नीचे पथरीले रास्ते का प्रारब्ध सफर
कारवां गुजर जाने के बाद धुंधला दिखा
जीवन का बहुमूल्य अंश बीत...
इंसान और पेड़ में अंतर
इंसान और पेड़ में अंतर
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वो कहीं से भी शुरूआत कर सकता है,
सदैव पाज़िटिव ही रहता है।
उसे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता
मौत के मुंह...
छठ पूजा | Chhath puja poem
छठ पूजा
( Chhath puja )
ऐसे मनाएं छठ पूजा इस बार,
हो जाए कोरोना की हार।
सामूहिक अर्घ्य देने से बचें,
कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हम रहें।
किसी के...
कोरोना की बरसी !
कोरोना की बरसी !
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सुन आई हंसी
देखा केक काट थी रही!
किसी ने कहा-
जन्मदिन मना ली?
अब जाओ
इतना भी न सताओ।
करोड़ों पर तेरी कृपा हुई है
लाखों अब...
बताओ कौन ?
बताओ कौन ?
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परिस्थितियों का मारा
बेचारा!
थका-हारा
लिए दो सहारा
चल रहा है
चला रहा है
सातवीं बार आगे आगे जा रहा है!
देखिए आगे
क्या हो रहा है?
किधर जा रहा है?
लड़खड़ा...
चांद पर मिला पानी
चांद पर मिला पानी
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सुन हुई हैरानी
शुरू हो सकेगी जिंदगानी
करने को मिलेगी मनमानी!
यान धरती से होगा रवाना
अब लगा रहेगा आना जाना
अब न रह जाएगी कोई...