.रौद्र रस | Raudra Ras Kavita

.रौद्र रस  ( Raudra Ras )   मन करता है कभी, ज़ुबां के ताले अब खोल दूँ, है दुनिया कितनी मतलबी जाके उनको बोल दूँ, उतार फेंकूँ उनके चेहरे...

वनिता सुरभि, पारिजात ललांत सी

वनिता सुरभि,पारिजात ललांत सी   कोमल निर्मल सरस भाव, अंतर प्रवाह विमल सरिता । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, अनंता अत्युत्तम कविता । सृजन उत्थान पथ पर, महिमा मंडित सुकांत सी । वनिता सुरभि,...

मै अयोध्या हूं | Kavita Main Ayodhya Hoon

मै अयोध्या हूं ( Main Ayodhya Hoon )   जम्बू द्वीप में जलते दीये आर्यावर्त की चमकती आभा बहते सरयू की निर्मल धारा मैं अयोध्या हूं ! स्कंद पुराण की कथा सुनाती रघुवंशियों की राजधानी होती प्रभु...

विश्व पृथवी दिवस | Kavita Vishwa Prithvi Divas

विश्व पृथवी दिवस ( Vishwa Prithvi Divas )   पृथ्वी या पृथिवी या मानो विशाल धरा बसता इसके ऊपर ही सृष्टि हरा भरा भू भूमि वसुधा कहो या...

आप कहाँ हैं | Kavita Aap Kahan Hain

आप कहाँ हैं ( Aap Kahan Hain )   निवास क्षेत्र और कर्म क्षेत्र हि है आपका जीवन क्षेत्र इनके संग का व्यवहार ही करता है प्रमाणित जीवन चरित्र अनगिनत...

मतदान महोत्सव | Kavita Matdan Mahotsav

मतदान महोत्सव ( Matdan Mahotsav )   लोकतंत्र का महान महोत्सव मतदान करना शक्ति भक्ति महान महोत्सव मतदान करनाराष्ट्र भक्त का कर्त्तव्य मतदान करें देश हित्त में मिलजुल...

दर्पण ना समाए | Kavita Darpan na Samaye

दर्पण ना समाए  ( Darpan na Samaye ) रुप तेरा ऐसा दर्पण ना समाए मन ना उतराए भृकुटी ऐसी चांदनी चांद ना शरमाय गाल ऐसी लागी कनक ना चमकाय ओठ ऐसी रंगाय भौंरें ना...

दूबर बाटे सबसे किसान देशवा में

दूबर बाटे सबसे किसान देशवा में   रानी भरल खलिहान ई चइतवा में, लिट्टी-चोखवा लगाउतू यही खेतवा में।लूहिया-लुहान से ई नाचाला कपरवा, हमरे पसीनवाँ से लूटै ऊ लहरवा। दूबर...

दिखावा | Kavita Dikhawa

दिखावा ( Dikhawa )   शुभचिंतक हैं कितने सारे बाहर गोरे भीतर कारे मुखरा-मुखरा बना मुखौटा मिट्ठू दिखते जो हैं सारे लेकर आड़ झाड़ को काटे नए और पैने हैं आरे तन...

इतिहास | Kavita Itihas

इतिहास ( Itihas )   उड़ती हैं नोट की गड्डियाँ भी दरख़्त के सूखे पत्तियों की तरह होती है नुमाइश दौलत की फ़लक पे चमकते सितारों की तरह बेचकर इमां...