ऐसा हो संसार जहाँ पर | Sansar kavita
ऐसा हो संसार जहाँ पर
आओ मिलकर करें कल्पना हम ऐसे संसार की।
जहाँ भावना त्याग समर्पण प्रेम और उपकार की।।
ऐसा हो संसार जहाँ पर,
सब...
नन्ही चिड़िया की सीख | Chidiya poem in Hindi
नन्ही चिड़िया की सीख
( Nanhi chidiya ki seekh )
नन्ही चिड़िया की सीख….||
1. नन्ही-मुन्ही,नीली-पीली,लाल-गुलाबी,सतरंगी |
चिडिया उडती डाल-डाल पर,पंख फैलाए बहुरंगी |
पत्ती-पत्ती,बूटा-बूटा,सब स्वागत उसका करते हैं...
वो मजदूर है | Mazdoor kavita
वो मजदूर है
( Wo mazdoor hai : Kavita )
अरे! वो मजदूर हैं
इसीलिये तो वो मजबूर हैं
उनकी मजबूरी किसी ने न जानी
मीलों का सफर तय...
माना कि तुम | Love kavita
माना कि तुम
( Mana ki tum )
माना कि
इन हाथों की
लकीरों में तुम नहीं....….....
फिर भी मुझमें
तुम शामिल हो,
लकीरें तो उनके
हाथ में भी नहीं होती
जिनके...
समय चुराएं | Poonam singh poetry
समय चुराएं
( Samay churaye )
आओ ...
समय से कुछ समय चुराएं
शुन्य के सागर में गुम हो जाएं
बीती बातों का हिसाब करें
आने वाले पलों का इंतज़ार...
हे सरकार ! कुछ तो करो | Political kavita
हे सरकार ! कुछ तो करो
( Hey sarkar kuch to karo )
हे सरकार! कुछ तो करो
क्यूँ छोड़ दिया मरने को
सड़कों और पटरियों पर
दर-दर...
हम मजबूर हैं | Mazdooron ki vyatha par kavita
हम मजबूर हैं
( Hum majboor hai )
साहब! हम मजदूर हैं
इसीलिए तो मजबूर हैं
सिर पर बोझा रख कर
खाली पेट,पानी पीकर
हजारों मील घर से दूर
गोद में...
मुझे आज भी याद है | Prem ras kavita
मुझे आज भी याद है
( Mujhe aaj bhi yaad hai )
मुझे आज भी याद है
वो कमरा जहाँ........
आखिरी बार मिले थे हम
आज भी गवाह है,
वो...
मदर्स डे | Mother’s day kavita
मदर्स डे
( Mother's day kavita )
मां अपने बच्चों से रूठती ही कब है
बच्चे भले ही रुठ जाएं
पर, मां क्या कभी रूठती है?
#मदर्स डे साहब!आजकल
कौन मना...
मैं चाहता हूं बस तुमसे | Prem kavita in Hindi
मैं चाहता हूं बस तुमसे
( Main chahta hun bas tumse )
मैं चाहता हूं बस तुमसे
थोड़ा सा प्यार
थोड़ा-सा मन
थोड़ा-सा सुकून
थोड़ा-सा अहसास।
मैं तुमसे चाहता हूं बस
थोड़ी-सी...