मां | Maa ke Upar Poem

मां ( Maa )   मोती लुटाती प्यार के, ठंडी आंचल की छांव। सुख तेरे चरणों में, उमड़े आठों पहर। प्रेम की मूरत माता, तुम हो भाग्यविधाता। प्रथम गुरु जननी,...

सीमा | Seema par Chhand

सीमा ( Seema )  मनहरण घनाक्षरी   सरहद पे जवान, चलते सीना तान। देश का सम्मान वीर, रखते संभाल के। लड़ते वीर सीमा पे, गोलाबारी गोली से। दुश्मन को मात...

सतरंगी फाग | Chhand Satrangi Fag

सतरंगी फाग ( Satrangi fag )    इंद्रधनुषी रंगों का, सतरंगी फाग छाया। बसंत बहारें चली, मस्त लहर लहर। प्रियतम भीगा सारा, सजनी भी भीग गई। रंगीला फागुन आया, बरसा...

दर्पण | Darpan par Chhand

दर्पण ( Darpan )   गोरा गोरा गाल गोरी, दर्पण रही निहार। सांवरी सूरत मोहि, मोहन रिझाइए। हाथों में ले गगरिया, गांव चली गुजरिया। दर्पण सा मन मेरा, प्रियतम आइए। चाल...

चिंतन | Chintan par Chhand

चिंतन ( Chintan )  मनहरण घनाक्षरी   विद्वान चिंतक हुए, पथ प्रदर्शक भारी। देश का उत्थान करे, चिंतन भी कीजिए। मंथन हो विचारों का, उर भाव उद्गारों का। जनहित सरोकार, अमल...

चंदन | Chandan par Chhand

चंदन ( Chandan )   प्रभु को अर्पण करें, मस्तक तिलक करें। चंदन की खुशबू से, जग महकाइये। रज धुली कण कण, पावन माटी चंदन। मातृभूमि वीर धरा, मस्तक...

आया बसंत सुहाना | Chhand Aaya Basant Suhana

आया बसंत सुहाना ( Aaya basant suhana )   जलहरण घनाक्षरी   आया बसंत सुहाना, उपवन महका रे। झूम झूम नाचे गाते, सारे ठहर ठहर।   फागुन की मस्ती छाई, रूत ये...

परीक्षा | Pareeksha par Chhand

परीक्षा ( Pareeksha )   पग पग पे परीक्षा, लेता जग करतार। जीवन की डगर पे, चलिए जरा संभल। हर आंधी तूफां से, हर मुश्किल बाधा से। हौसलों की उड़ान...

कोहरा | Kohara par Chhand

कोहरा ( Kohara  )    मनहरण घनाक्षरी   ठंडी ठंडी हवा चली, शीतलहर सी आई। ओस पड़ रही धुंध सी, देखो छाया कोहरा। ठिठुरते हाथ पांव, बर्फीली हवाएं चली। कुदरत का नजारा,...

ठिठुरन | Thithuran par chhand

ठिठुरन ( Thithuran )   सर्द हवा ठंडी ठंडी, बहती है पुरजोर। ठिठुरते हाथ पांव, अलाव जलाइए। कोहरा ओस छा जाए, शीतलहर आ जाए। कंपकंपी बदन में, ठंड से बचाइए। सूरज...