साग़र के दोहे
साग़र के दोहे 1.सर्दी के आवेग से ,निकली सबकी हाय ।ऐसे में सब ने कहा ,हो जाये अब चाय ।।2.सर्दी में सूझा यही ,सबको एक उपाय।गरम गरम पिलवाइये ,साहब हमको चाय।।3.ठन्डा ,वन्डा रख दिया ,सबने आज उठाय ।सबके मन को भा रही , गरम गरम ही चाय ।।4.सर्दी में क्या पूछना , क्या है किस…