आयल फगुनवाँ घरे-घरे | Bhojpuri Holi Geet

आयल फगुनवाँ घरे-घरे! ( Ayal fagunwa ghare - ghare )    आयल फगुनवाँ घरे -घरे, चोलिया भीगै तरे -तरे। (2) होली है........ बाजै लै ढोल औ बाजै मृदंग, उड़े ग़ुलाल लोग...

बुढ़िया | Budhiya Bhojpuri Kavita

बुढ़िया ( Budhiya )    दूर झोपड़ी में रहे, बहुत अन्हार। ओमे से आवत रहे, मरत दिया के प्रकाश! चारों ओर सन्नाटा ,कईले रहे प्रहार। लागत रहे पेड़ पौधा अउर...

दिया काहे बुझ गईल | Diya Kahe Bujh Gayeel Bhojpuri Kavita

दिया काहे बुझ गईल ( Diya kahe bujh gayeel )    दिया काहे बुझ गईल तेल के कमी से, या पईसा के नमी से सब केहु कहे सुत गईल दिया...

चेहरा | Chehra par Bhojpuri Kavita

चेहरा ( Chehra )    कहाँ गेईल ऊ माटी पे से चेहरा टाटी पे रचल बतावे कुछ गहरा गांव देहत में लऊके सुनहारा मिट गईल बा ओपे पहरा   हर टाटी पे...

काहे कहेल दुनिया बाटे खराब | Duniya bate Kharab Bhojpuri Kavita

काहे कहेल दुनिया बाटे खराब  ( Kahe kahel duniya bate kharab )    दुख के घड़ी में सभे याद आइल सुख के घड़ी में जब सभे भुलाईल तब केके...

अनहार | Anhar par Bhojpuri Kavita

"अनहार, दिया आऊर आस " ( Anhar, diya aur aas )    दीया जला देहनी हऽ ओहिजा काहे से उहवा रहे अनहार जहवां से कइगो राही गुजरे जाने कब केहू...

श्मशान | Shamshan par Bhojpuri Kavita

" श्मशान " भोजपुरी कविता ( Shamshan )    चार कंधा पे पड़ाल एगो लाश रहे फूल ,पईसा के होत बरसात रहे राम नाम सत्य ह सब केहू कहत...

महल | Mahal Bhojpuri Kavita

महल ( Mahal )    धूल में मिल के सब धूल भईल का पताका , का सिंघासन कवन भुल भईल आज दुनिया देख रहल चुप चाप ओके छप पन्ना में...

समय | Samay par Bhojpuri Kavita

" समय " भोजपुरी कविता ( Samay par Bhojpuri Kavita )   झकझोर देलऽक दुनिया ओके झोर के लूट लेलऽक मिठ ओ से बोल के अउर तुडलक ओके मडोड...

हडिया | Haria Bhojpuri Kahani

" हडिया " ( Haria )  एगो गांव में एगो लड़की रहे उ बहुत सुन्दर रहे लेकिन उ बहुत झगडाईन रहे । गांव के सारा...