बेचारा | Bechar Bhojpuri Kavita
बेचारा
( Bechara )
जब से गरीबी के चपेट में आइल
भूख, दर्द, इच्छा सब कुछ मराइल
खेलें कुदे के उम्र में
जूठा थाली सबके मजाइल
का गलती, केके कइलक...
लड़कपन | Ladakpan par Bhojpuri kavita
लड़कपन
( Ladakpan )
देखऽ-देखऽ ठेला वाला आइल
ओपे धर के मिठाई लाइल
दु पइसा निकाल के देदऽ
जवन मन करे मिठाई लेलऽ
खुरमा खाजा रसगुल्ला राजा
इमरति अउर चन्दकला बा...
जरल | Jaral Bhojpuri kavita
" जरल "
( Jaral )
पहिले अपना के झांक
तब दुसरा के ताक
काहे तु हसतारे
कवन कमी तु ढकतारे
घुट-घुट के मरतारे
दुसरा से जरतारे
तोहरों में बा कुछ अच्छा...
जंगल | Jungle par Bhojpuri kavita
" जंगल "
( Jungle )
जंगल हऽ देश के थाथी
जे में रहे हाथी
गाछ, पेड़ बरसाती
चिता, शेर अउर कई गो जाती
जंगल हऽ देश के थाथी
जे में...
रोटि | Roti par Bhojpuri Kavita
" रोटि "
( Roti )
बड़ी अजीब दुनिया बा
रोटी उजर तावा करिया बा
केहु पकावे केहु खाये
कुर्सी पे बइठ हाथ हिलाये
जे पकाय जरल खाये
सुन्दर रोटी कुर्सी...
रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri
" रोपया "
( Ropya )
रोपया के ना कवनो जात
जे के ज्यादा उहे बाप
उहे दादा उहे भाई
चाहे हो कईसनो कमाई
रोपया से समान मिलेला
जित धरम अउर...
बेलना-चौकी | Belana-chauki par Bhojpuri kavita
बेलना-चौकी
( Belana-chauki )
तोहरा का बनेके बा
बेलना या चौकी
बेलना दबावेला, बजावेला, घुमावेला
चौकी देखेला, सहेला, निभावेला
चौकि जानेला, मानेला, पहचानेला
बेलना कुचलेला, उछलेला, ठुकरायेला
बेलना जब-जब फिसलेला
चौकि तब-तब रोकेला
बेलना...
पागल | Pagal Bhojpuri kavita
" पागल "
( Pagal )
दरद के आग बा ओके दिल में, रोये ला दिन रात
देख- देख के लोग कहेला, पागल जाता बडबडात
रहे उ सिधा...
मजबूर | Bhojpuri kavita majboor
मजबूर
( Majboor )
खुन के छिट्टा पडल, अउर पागल हो गइल
ना कवनो जुर्म कइलक, कवन दुनिया में खो गइल
जब तक उ रहे दिवाना, शान अउर...
कलयुग | Kalyug par Bhojpuri Kavita
" कलयुग "
( Kalyug )
धधक-धधक अब धधक रहल बा
चिंगारी अब भड़क रहल बा
लोगन में बा फुटल गुस्सा
हर जान अब तड़प रहल बा
कहीं आवाज अउर...