गर्म हवाएं | Kavita Garm Hawayen

गर्म हवाएं ( Garm Hawayen )   बह रही हवाएं गर्म हैं मुश्किल है लू से बचकर रहना एक छत हि काफी नहीं तुम भी जरा संभलकर चलना उमस भरा...

नया दौर | Kavita Naya Daur

नया दौर ( Naya Daur )   इतना बेरुख जमाना हो गया मुसकुराना तक गुनाह हो गया जजबातों का जमाना अब कहां हर इक शय अंजाना हो गया खून की...

नव-सभ्यता | Kavita Nav Sabhyata

नव-सभ्यता ( Nav Sabhyata ) नव सभ्यता की मजार में फटी चादर का रिवाज है आदिम जीवन की आवृत्ति में शरमों -हया की हत्या है प्रेम-भाव के विलोपन में तांडव का नर्तन है मशीनी मानव की खोज में मां-बेटियां नीलाम...

नारी मन | Kavita Nari Man

नारी मन ( Nari Man )   नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण परम माध्य सृष्टि सृजन, परिवार समाज अनूप कड़ी । सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना, पर आनंद हित सावन...

स्मृति शेष | Kavita Smriti Shesh

स्मृति शेष ( Smriti Shesh ) हे धरा के पंथी नमन तुम्हें हे धरा के पंथी नमन तुम्हें घर छूटा मिला गगन तुम्हें। तुम चले गए हमें छोड़कर कहे...

मधुमय रस लहरा दे | Madhumay Ras Lahra de

मधुमय रस लहरा दे ( Madhumay Ras Lahra de )   नव-लय-छंद अलंकृत जननी मधुमय रस लहरा दे। वेद रिचाओं के आखर से रचना कर्म करा दे।। शब्द अर्थ का...

अगर तू जो एक किताब है

अगर तू जो एक किताब है तुम्हें पढ़ना चाहता हूं तेरे हर एक पन्ने को अगर तू जिंदगी है जीना चाहता हूं आहिस्ता-आहिस्ता पूरी उम्र अगर तू फूल है तो मैं...

भोर तक | Kavita Bhor Tak

भोर तक ( Bhor Tak )   लोग तो बदल जाते हैं मौसम का रंग देखकर मगर तुम न बदलना कभी मेरा वक्त देखकर बड़े नाज़ों से पाला...

आसमान तक पहुंच हो

आसमान तक पहुंच हो   आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव। कर लो शुभ कर्म ऐसे, रोशन हो जाए गांव। कीर्ति पताका नभ छाए, दुनिया में...

जय-जय मतदाता | Kavita Jay Jay Matdata

जय-जय मतदाता (  Jay Jay Matdata )   जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता, नेता होते सयाने, नेता होते सयाने, तू देश का निर्माता…..जय-जय मतदाता.. जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता, नेता...