बंजारा के मुक्तक | Banjara ke Muktak
मूर्खतंत्र
ईसा- पूर्व तो सबसे ऊपर -- मनु ही सरमाया था
फिर राजतंत्र के दौर में -- रक्त सबका गरमाया था
आखिरकार लोगों ने त्रस्त हो कर...
जिंदगी किरदार से ज्यादा कुछ नहीं | Zindagi Kirdar
जिंदगी किरदार से ज्यादा कुछ नहीं
( Zindagi Kirdar se jyada kuchh nahin )
जिंदगी किरदार से ज्यादा कुछ नहीं।
बंदगी प्रभु प्यार से ज्यादा कुछ नहीं।
रंगमंच...
चांद | Chand par muktak
चांद मुक्तक
( Chand Muktak )
चांद तारे बिछा देंगे हम राह में
कुछ नया कर दिखा देंगे चाह में
आओ मिलों हमसे मुस्कुरा कर
गगन छू लेंगे हम...
कुमार के मुक्तक | Kumar ke muktak
कुमार के मुक्तक
( Kumar ke muktak )
१
बहते हुए जल पे कभी काई नहीं आती,बिना उबले दूध पर मलाई नहीं आती।
थोङी बहुत शायरी तो सभी ...
उमंगों की पतंगे उड़ाओ | Umang par kavita
उमंगों की पतंगे उड़ाओ
( Umangon ki patang udao )
उमंगों की पतंगे लेकर आओ मचाए हम भी शोर।
गली गली घूमते गाते चले आई है सुहानी...
Muktak | मुक्तक
मुक्तक
( Muktak )
निर्भय रहकर जो जीवन जीता है
धीरज धरकर जो गमों के घूंट पीता है
कर्म प्रधान है इस चराचर जगत में
आत्मा अजर अमर कहती...
परवरिश | Parvarish Par Muktak
परवरिश
( Parvarish )
पालते लाड प्यार से, ममता दुलार से।
खुशियों बहार से, मीठी पुचकार से।
रखे औलाद को, दुनिया में मां बाप।
आंखों का तारा हमे, दिलों...
जो ना मचले जवानी जवानी नहीं | Jawani
जो ना मचले जवानी जवानी नहीं
( Jo na machle jawani jawani nahi )
जो ना मचले जवानी जवानी नहीं।
कह ना सके कहानी कहानी नहीं।
दिल का...
घुंघट | Muktak in Hindi
घुंघट
( Ghoonghat )
शर्म दर्शाता नारी घूंघट सुंदरता का आवरण
बुजुर्गों के सम्मान की छवि मर्यादा का चरण
सनातन संस्कृति में रिवाज मुगलकाल पनपा
उग्र शासक भय से...
मुक्तक मां | Muktak Maa
मुक्तक मां
( Muktak Maa)
मां की तरफ़ से सुन लो ये पैगाम आया है
उसी पैग़ाम पर यारों हमारा नाम आया है,
लिखूंगा मैं वतन ख़ातिर...