किन हाथों में देश सुरक्षित,किनमें सिर्फ जहर है
( Kin hathon mein desh surakshit, kinme sirf zaher hai )
आशा जैसी हुई प्रमाणित, सब को आज खबर है !
किन हाथों में देश सुरक्षित, किन में सिर्फ जहर है !!
क्रूर आक्रमण से विषाणु के, कौन बचा ले आया
देश सुरक्षित रखा बचाया, किसका गहन असर है !!
लूटा,किया बहुत अपमानित, जिन दुश्मन देशों ने
किसने उनकोआतंकित कर,ढाया कठिन कहर है !!
याचक और भिखारी जैसी,छवि कल बनी हुई थी
वह भारत किस के बलबूते, दिखता ताकतवर है !!
सबसे ज्यादा आदर देती , किस चेहरे को दुनिया
वह क्या कहता इस पर सबकी,रहतीबनी नजर है !!
हैं भारत जन सब देशों में , क्यों ज्यादा सम्मानित
किसके तेज औरआभा से, ज्योतित हर अन्तर है !!
चोर और अपराधी सब ही , उससे त्रस्त पड़े हैं
बना रहा वह राम राज की, सुन्दर नई डगर है !!
तप रत बैठा बन भागीरथ, सजग सतत वह योगी
शौर्य,विवेक,नीति का उसकी,मन्त्र पूर्ण भास्वर है !!
भू “आकाश” कामना करते,मिलें उसे इच्छित वर
निश्चय उसकी विमल साधना, पाप शाप उद्धर है !!
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )