कोकिला उपवन क्यों न आई

कोकिला उपवन क्यों न आई कोकिला उपवन क्यों न आईखिली बहारें यहां रुत पतझड़ीकिसलय ने अश्रु बूंदें टपकाईकोकिला उपवन क्यों न आई काली आंखें काला वस्त्रपहन कौन तू देश गईतेरे गीतों तेरी धुनों सेसजी क्या महफिल नईकोमल – कोमल पत्ते डालीचुप थे तुझ बिन न खड़खड़ाएफाख्ता उदास अमलतास पर बैठीउसने पंख न फड़फड़ाएआम्र मंजरी रूठी … Continue reading कोकिला उपवन क्यों न आई