नई राह
( Nai Rah : Hindi poem motivational )
उत्साह उमंगे जीवन में, जीने की राह दिखाते है।
मेहनत लगन मानव की, नित राहें नई बनाते है।
जीवन सफर में, डगर डगर पर, चलते जाना है।
नई राहें रस्ता देखे, हे पथिक कहां ठिकाना है
उर में विश्वास भरकर, घट में आशाएं धरकर।
विषम राहों पर बढ़ते जाना, राही तूफान बनकर।
उन्नत विचारों वाले ही, सदा राहें नई बनाते हैं।
शील गुणों से संपन्न ही,ऊंचाइयों तक जाते हैं।
खुशियां बांटते राहों में, हौसलों जज्बा वाले।
लगन मेहनत से जगत में, मंजिले पाते मतवाले।
हर आंधी तूफानों को, जो अंगारों पर चलते हैं।
बाधाएं नतमस्तक होती, जो राह नई निकलते हैं।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )