दिनकर समर्पित अंतरराष्ट्रीय काव्यांजलि
ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रांति के उद्गायक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर" के सम्मान में "अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम" (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में उनके...
कहां हो मेरे पुरखों | Kahan ho Mere Purakhon
कहां हो मेरे पुरखों
( Kahan ho mere purakhon )
मैं आऊंगा नहीं कभी भी लौटकर यह ध्यान रखना,
चला गया हूं ध्यान रखना सदा के लिए...
दोस्त या दुश्मन | Dost ya Dushman
दोस्त या दुश्मन
( Dost ya dushman )
लबों पे है तबस्सुम , दिल में नफ़रत बीज बोते है
अदब ऐसा अग़र, ना वो कभी भी दोस्त...
घर का पूत कुंवारा डौलै | मारवाड़ी रचना
घर का पूत कुंवारा डौलै
घर का पूत कुंवारा डौलै, करै पाड़ोस्यां क फैरा।
नैणं मूंद अर आंधा होग्या, घर का बड़ा बडेरा।
फिरै कुंवारों च्यारूं चौखटां,...
आपकी सोच ही | Aapki Soch
आपकी सोच ही
( Aapki soch hi )
धाराओं मे बंटते रह जाने से
नाम मे कमी हो या न हो
महत्व घटे या न घटे,किंतु
प्रवाह के वेग...
महात्मा , बापू, राष्ट्रपिता या फिर : महात्मा गांधी
कहते हैं महान लोगों से भी कभी कभी गलतियां भी महान हीं हुआ करती हैं। ऐसे ही महान गलतियों का दंस देश आज भी...
गांधी जयंती | शास्त्री जयंती
गांधी जयंती/शास्त्री जयंती
( Gandhi Jayanti | Shastri Jayanti )
द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद
दो अक्टूबर अद्भुत अनुपम,
द्वि महापुरुष अवतरण दिवस ।
प्रथम अहिंसा...
पथ पर आगे बढ़ना होगा | Path par Aage Badhna Hoga
पथ पर आगे बढ़ना होगा
( Path par aage badhna hoga )
चलें आंधियां चाहे जितना
धुसित कर दे सभी दिशाएं
पिघल चले अंगारे पथ पर
...
पहचान | Pehchan
पहचान
( Pehchan ) भीड़ मे शामिल जरूर हों
वह कार्य विशेष की एकता का प्रतीक है
किंतु ,आप भीड़ का नही
अपने उद्देश्य का हिस्सा बनें...
ऊंचाई
पताका उठाने से...