बनना है सेना का जवान | Kavita banna hai sena ka...

बनना है सेना का जवान ( Banna hai sena ka jawan )    जन्म हुआ था जब मेरा इस धरती पर, खुशियाॅं नही थी परिवार के चेहरों पर। लेकिन...

विश्व मानवाधिकार दिवस पर कवि गोष्ठी आयोजित

विश्व मानवाधिकार दिवस पर कवि गोष्ठी आयोजित  नवलगढ़, नाहर सिंह पार्क के पास सेकसरिया वस्त्र भण्डार में राष्ट्रीय शब्दाक्षर साहित्यिक संस्था के तत्त्वावधान में मानवाधिकार...

जीवन ही कुछ ऐसा है | Poem in Hindi on jeevan

जीवन ही कुछ ऐसा है  ( Jeevan hi kuch aisa hai )    जीवन ही कुछ ऐसा है  समझो दुःख के जैसा है सोंचते हो सुख है जीवन कभी नही...

मानव के अधिकार समझें | Manav adhikar par kavita

मानव के अधिकार समझें ( Manav ke adhikar samjhe )    देश-दुनिया के इतिहास में यह दिन भी है ख़ास, जागरुक करें पूरे विश्व को ऐसी रखनी है...

मेरा दोस्त मुझसे रूठा ऐसा | Kavita mera dost

मेरा दोस्त मुझसे रूठा ऐसा ( Mera dost mujhse rootha aisa )  आज फिर एक-बार हुआ ऐसा,मेरा दोस्त मुझसे रूठा है ऐसा।ना बोलकर गया न खबर...

संम्भाल अपने होश को | Prerna Dene Wali Kavita In Hindi

संम्भाल अपने होश को ( Sambhal apne hosh ko )    उत्साह भर कर्मों में अपने जीवन जीना सीख ले, छोड़ अपनों का सहारा खुद भाग्य रेखा खींच ले।   भीड़ में...

जब भी कोई काम करो | Kavita jab bhi koi kaam...

जब भी कोई काम करो ( Jab bhi koi kaam karo )   जब भी कोई काम करो कोई मुझे देख रहा है यही सोचकर करो दिल पर जरा हाथ...

मतदान | Matdan par kavita

मतदान  ( Matdan )  ( 3 ) पलट दो सत्ता को पलट दो आवाम पर्व है लोकतंत्र का चलो चले करें मतदान लालच बुरी बला है संकट इससे कहां टला है स्वयं में...

हंस लो जरा मुस्कुरा लो | Poem hans lo jara

हंस लो जरा मुस्कुरा लो ( Hans lo jara muskura lo )    हंस लो जरा मुस्कुरा लो जिंदगी है चार दिन कीखुशियां तुम मना लो कल किसने देखा...

चापलूसी एक हूनर | Chaaploosi par kavita

चापलूसी एक हूनर ( Chaaploosi ek hoonar )    चापलूसी भी एक कला है जो चमचागिरी कहलाती। सत्ता के गलियारों में यह नेताओं को बहुत लुभाती।   चापलूसी के दम...