रेज़ा रेज़ा | Reza reza
रेज़ा रेज़ा
( Reza reza )
इकट्ठा करती हूँ
बीनती हूँ
इक इक
टुकड़ा
बारीक से बारीक
किरचन
उठाती हूँ
देखती हूँ
अपनी
लाल हुई
ज़ख्मी
उंगलियांकभी उस
टूटे हुये
आईने को
.
.
.
.
आईने को?यारेज़ां रेज़ां
खुद को?लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर (...
भ्रम | Poem bhram
भ्रम
( Bhram )
जो गति मेरी वो गति तेरी,जीवन भ्रम की छाया है।
नश्वर जग ये मिट जाएगा, नश्वर ही यह काया है।
धन दौलत का मोह...
धर्मयुद्ध | Poem dharamyudh
धर्मयुद्ध
( Dharamyudh )
जीवन के इस धर्मयुद्ध में, तुमको ही कुछ करना होगा।
या तो तुमको लडना होगा,या फिर तुमको मरना होगा।
फैला कर अपनी बाँहो को,...
श्याम | Shyam kavita
श्याम
( Shayam )
रस लेकर रसखान सरीखे, काँन्हा तुम आ जाओ।
जग मे घटते प्रीत मोह रस, फिर से आ बरसाओ।
सूखी धरती उमड मेघ बन,जग की...
संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज | Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj...
संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज
( Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj )
जय जय जय हे संत शिरोमणि,गणिनाथ महाराज।
योग क्षेम कल्याण शिरोमणि, गणिनाथ महाराज।
महादेव के मानस...
जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे | Nai nai...
जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे
( Jeest mein woh fiza rab yahan de mujhe )
जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे
प्यार...
उत्सव आज मनाया है | Poem utsav aaj manaya hai
उत्सव आज मनाया है
( Utsav aaj manaya hai )
जिन भावों को मन में धर कर, उत्सव आज मनाया है।
जिन भावों को राष्ट्रगान में, मिलकर...
मुल्क के सुमन | Poem Mulk ke Suman
मुल्क के सुमन
( Mulk ke suman )
हम मुल्क के मासूम सुमन
हम धरती माता के धन
हम कोमल है पर सबल है
धुर्ब जैसे सदैब अटल
गगन उगलता...
यह पावन पन्द्रह अगस्त है |15 August par Geet
यह पावन पन्द्रह अगस्त है
( Yah paavan 15 August hai )
वह भारत जिसके माथे पर,जड़े हिम शिखर बनकर तारे !
और सदा से ही सागर...
चलो आज आजादी को हम घर ले आए | Poem on...
चलो आज आजादी को हम घर ले आए
( Chalo aaj azadi ko hum ghar le aaye )
चलो आज आजादी को हम घर ले आयें...