Wade shayari

अपने वादे से ही बदल रहा है वो | Wade shayari

सभी अपने वादे से ही बदल रहा है वो ( Sabhi apne wade se hi badal raha hai wo )     सभी अपनें वादे से ही बदल रहा है वो मुहब्बत का फूल पैरों कुचल रहा है वो   कभी नहीं मेहनत से तो कमाया पैसा है हराम की दौलत पैकर उछल रहा है…

नवलगढ़ के साहित्यकार कवि रमाकांत सोनी होंगे राष्ट्रीय शब्दाक्षर पदाधिकारी

नवलगढ़ के साहित्यकार कवि रमाकांत सोनी होंगे राष्ट्रीय शब्दाक्षर पदाधिकारी

नवलगढ़ के साहित्यकार कवि रमाकांत सोनी होंगे राष्ट्रीय शब्दाक्षर पदाधिकारी साहित्य सेमिनार में शरीक ‘शब्दाक्षर’ साहित्यकारों का भव्य अखिल भारतीय साहित्य समारोह तमिलनाडु, चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है जिसमें कवि रमाकांत सोनी सुदर्शन झुंझुनू राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे और राजस्थानी भाषा में काव्य पाठ कर प्रदेश का गौरव बढ़ायेंगे। कार्यक्रम दिनांक 6,7,8 अगस्त…

Aankhen shayari

हुस्न भरी वो गुल आंखें है | Aankhen Shayari

हुस्न भरी वो गुल आंखें है ( Husn bhari wo gul aankhen hai )     हुस्न भरी वो गुल आंखें है ? उल्फ़त से महकी सांसें है   जो क़िस्मत में न लिखा मेरी उसके ही आते सपनें है   रब देख मिला दे उससे अब आती रोज़ बहुत यादें है   दीदार करुं…

Tamanna poem

हर तमन्ना खाक होकर रह गई | Tamanna poem

हर तमन्ना खाक होकर रह गई ( Har tamanna khak hokar rah gai )   हर तमन्ना खाक होकर रह गई हसरतें सब राख हो कर रह गई   भुला दिया हमको हमारे अपनों ने प्यारी यादें सारी दरिया में बह गई   बन चले साथी सफर में अब कई प्यार की धारायें सब पीछे…

Teri yad shayari

उसकी ही देखी राहें है | Teri yad shayari

उसकी ही देखी राहें है ( Uski hi dekhi rahen hai )     उसकी ही देखी राहें है काटी यादों में रातें है   यूं भूल नहीं पाया उसको याद बहुत आती बातें है   ख़ंजर मारा ऐसा दग़ा का निकली दिल से आहें है   देख उतारुं क्या वो सदका मख़मूर दग़ा जो…

Samandar shayari in Hindi

समंदर बन जाए | Samandar shayari in Hindi

समंदर बन जाए ( Samandar ban jaye )   आओ हम भी गीत कुछ ऐसे गाए दिल के जोड़े तार तराने बन जाए   सुहानी हो शाम महफिल सज जाए दरियादिल हो हम समंदर बन जाए   रिमझिम हो बारिश घटाएं छा जाए मदमाता हो सावन सुहाना आ जाए   ले गीतों की लड़ियां मधुरता…

Bahar shayari

अब गुलों की बहार हो जाये | Bahar shayari

अब गुलों की बहार हो जाये ( Ab gulon ki bahar ho jaye )     अब गुलों की बहार हो जाये? टूटे  दिल को क़रार हो जाये   तू मिला है मुझे बहुत दिन में जाम इक आज यार हो जाये   मुंह चढ़ाना बहुत हुआ देखो प्यार अब तो इक़रार हो जाये  …

Geet samarpan ke bol

समर्पण के बोल कह सकते नहीं | Geet samarpan ke bol

समर्पण के बोल कह सकते नहीं !! ( Samarpan ke bol kah sakate nahin )   अस्त्र लाये कोईभी दुश्मनमगर,समर्पण के बोल कह सकते नहीं !! देश का अपमान करने जोखुले,ऐसे मुखके बोल सह सकते नहीं !!   बाँटी हमने शान्ति और सदभावना हर पड़ौसी और निर्बल को यहाँ मित्रताएँ दीं धरा के छोर तक,…

Premchand Jayanti on behalf of "International Sahitya Sangam"

“अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” की ओर से प्रेमचंद जयंती

भारतीय जनमानस का चितेरा लोक कथाकार प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में संस्था के अध्यक्ष श्री देवेन्द्रनाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं संस्थापक एवं महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में उनकी विभिन्न रचनाओं पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। सबसे पहले सिंगापुर से उपस्थित…

Poem kursi par haq

कुर्सी पर हक | Poem kursi par haq

कुर्सी पर हक ( Kursi par haq )   दिल जिगर को तोल रहे, खुद को बाजीगर कहते। जनभावों संग खेल रहे हैं, मन में खोट पार्ले रहते।   वादों प्रलोभन में उलझा, खुद उल्लू सीधा करते। भ्रमित रहती जनता सारी, वो अपनी जेबें भरते।   कलाकार कलाबाजीयां, जादूगरी जिनको आती। नतमस्तक सारी दुनिया, उनकी…