मजबूरी/ लाचारी

मजबूरी/ लाचारी | Kavita

मजबूरी/ लाचारी ( Majboori )   सबको रखना दूरी है यह कैसी मजबूरी है कालचक्र का कैसा खेल कोई शक्ति आसुरी है   मजदूर आज मजबूर हुआ थककर चकनाचूर हुआ लहर कोरोना कैसी आई अपनों से भी दूर हुआ   मजबूर आज सारी दुनिया मुंह पर मास्क लगाने को सावधान रहकर जग में डटकर कदम…

Positive Kavita

पाज़िटिव कविता! | Vyang

पाज़िटिव कविता! ( Positive Kavita : Vyang )   कोरोना नहीं है कोरोना नहीं है रोना नहीं है रोना नहीं है आॅक्सीजन की कमी नहीं है फैक्ट्रियों में पड़ी हुई हैं बहुत सारी भरी हुई हैं टैंकरों से आ रही है हवाई जहाज भी ला रही है बेड की कमी नहीं है दवाएं भी हैं…

आजमाया करें

आजमाया करें | Kavita

आजमाया करें ( Aajmaya Karen )   बेवजह बात को ना बढाया करे, मुझसे जब भी मिले मुस्कुराया करे। सारी दुनिया के रंजो व गम भूल कर, दो घडी आँख मुझसे मिलाया करे।   आरजू जो दबी सी सनम दिल में है, आप मुझसे कभी ना छुपाया करे। आइने सा ये चेहरा मेरा है सनम,…

रहनुमा

रहनुमा | मार्गदर्शक | Kavita

रहनुमा ( मार्गदर्शक ) ( Rahnuma )   रहनुमा कोई मिल जाए राह मेरी आसां हो जाए मेरी मंजिल का ठिकाना मुझको भी नसीब हो जाए   मार्गदर्शक बता दे रस्ता कोई खता न मुझसे हो जाए भटक  रहा  हूं  बियावान में हाथ पकड़ कोई राह दिखाये   अंधकार का अंत नहीं है रहनुमा का…

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में ( Dekh raha hun main hansi nazare gaon mein )     देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में आ रही देखो गुलों की वो बहारें गांव में   चाहता हूँ एक कोई तो बने साथी मेरा जो हंसी मुखड़े की देखी है कतारें…

भटकता मन

भटकता मन | Kavita

भटकता मन ( Bhatakta man )   भटकते मन में मेरे आज भी, कुछ आस जिन्दा है। भरा  है  चाहतों  से  शेर मन पर, प्यास जिन्दा है।   उसी  को  टूट  कर चाहा, खुदी को ही भुला करके, अधुरी चाहतों का अब भी कुछ,एहसास जिन्दा है।   किसी को चाहना और वो मिले, ये सच…

हारना हमको नहीं गवारा

हारना हमको नहीं गवारा | Kavita Harna Humko Nahi

हारना हमको नहीं गवारा ( Harna Humko Nahi Gavara )   जोश जज्बा रखकर चलते हैं तूफानों   में   हम   पलते  हैं हिम्मत बदले विपरीत धारा हारना  नहीं  हमको  गवारा   संस्कार कुछ ऐसे पाये हैं लक्ष्य  साधने  हम आए हैं अटल इरादे मानस हमारा हारना नहीं हमको गवारा   तूफानों से भीड़ सकते हैं आंधियों …

नज़रों का सच

नज़रों का सच | Kavita

नज़रों का सच ( Nazron Ka Sach )   देखती  है  जो  नज़रे वो होता नहीं, चाहती है जो नज़रे वो दिखता नहीं। मन को छू जाए जज़्बात होंठो पे हो, आसूं बनके बहे मानता मन नहीं ।।   भीड़  को  देखा  राहों  पे बढ़ते हुए, दे  के  धक्का  बगल  में संभलते हुए। आंख  में …

जय श्रीराम

जय श्रीराम | Jai Shri Ram par Kavita

जय श्रीराम ( Jai Shri Ram )  ( 1 )    सदियों से श्रापित भूमि का, आज हुआ उद्धार। मन्दिर का निर्माण हुआ जहाँ,राम ने लिया अवतार। धन धन भाग्य हमारे नयना, तृप्त हो गये आज, अवधपुरी मे सज रहा फिर से,भव्य राम दरबार। पुलकित है हर हिन्दू का मन, छलकत नयन हमार। बाँधन चाहत…

अनुत्तरित प्रश्न

अनुत्तरित प्रश्न | Kavita

अनुत्तरित प्रश्न ( Anuttarit Prashna )   रास्ते से गुजरते हुए एक प्राकृतिक आॅक्सीजन टैंकर ने देख मुझे रोका हाल मुझसे मेरा पूछा। दोस्त क्या हाल है? कुछ देख रहे हो? समझ रहे हो इन दो टके के कृत्रिम आक्सीजन सिलिंडरों की कीमत जरा सा कोरोना प्रेशर क्या पड़ा अपनी औकात दिखा रहे हैं? बनाने…