शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh

शेखावाटी गंध ( Shekhawati Gandh )   खबरों की खबर है या वो बेखबर है। हमको भी सबर है उन्हें भी सबर है। कहीं आसपास दमके नव ज्योति उजाला। चमक...

हाथों से छीनों न अमराइयाँ | Kavita Amraiyan

हाथों से छीनों न अमराइयाँ   सौदा परिंदों का हम न करेंगे, साँसों की रफ्तार घटने न देंगें। हाथों से छीनों न अमराइयों को, पर्यावरण बिनु कैसे जियेंगे? रोते हैं...

इस होली का क्या कहना | Kavita Holi ka Kya kahna

इस होली का क्या कहना ( Is holi ka Kya kahna )   देखो राधा संग खेले नंदलाल इस होली का क्या कहना देखो उड़े चहूँ ओर...

कैसी हालत है खाने के लिए | Kaisi Halat

कैसी हालत है खाने के लिए ( Kaisi halat hai khane ke liye )   कैसी हालत है खाने के लिए मारे - मारे फिरे दाने के लिएमेरी...

आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन का अभिनव काव्य पाठ- बोट के अंदर “रंग...

विश्व प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था " आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन " के साहित्यकारों द्वारा होली उत्सव पर बोट क्लब पर 'रंग तरंग' साहित्यिक काव्य पाठ का...

इल्म की रौशनियाँ | Ilm ki Roshniyan

इल्म की रौशनियाँ ( Ilm ki Roshniyan )   सही रास्ते की पहचान कराए इल्म की रौशनियाँ, गहरी खाई में हमें गिराए जहालत की तारीकियाँ, ज़िंदगी से कुछ...

मुराद | Kavita Murad

मुराद ( Murad )   एक तू ही नही खुदा के आशियाने मे कैद हैं और भी कई इसी अफसाने मे दर्द से हुआ है फरिग् कौन इस...

तृष्णा | Kavita Trishna

तृष्णा (Trishna ) तृष्णाएं सदा संतृप्त, नेह से संसर्ग कर पगडंडियां व्याकुल दिग्भ्रमित, उच्चवाचन मरीचि प्रभाव । सुख समृद्धि मंगलता दूर, निर्णयन क्षमता अभाव । अथक श्रम सफलता चाहना, विराम पल...

मत मार पिचकारी | Kavita Mat Mar Pichkari

मत मार पिचकारी ( Mat Mar Pichkari )   मत मार पिचकारी, मेरी भीगी चुनरिया सारी। रंग मत डारे रे सांवरिया, मोहन मदन मुरारी। रंग गुलाल उड़े फागुनी,...

हे राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या | Hey Raja

हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या माया नगरिया कै चेहरा दिखाए द्या, हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या। (2)सोना और चाँदी जैसी मुंबई नगरिया, गम-गम-गमकै-गमकै लै...