परख | Kavita Parakh

परख ( Parakh )   न था आज कल से जुदा न होगा आज कल से होती नही स्थिरता जल में कभी हो रही नित हलचल से जुड़ा है धागा...

टूटता आशियाना | Kahani Tootata Aashiyaana

चारों तरफ अफरातफरी मची हुई है। पूरे मार्केट में सन्नाटा छाया हुआ है। सभी सर पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। सरकारी फरमान जारी...

लोगआखिर क्यों आग लगाते हैं | Geet Log Aakhir

लोगआखिर क्यों आग लगाते हैं ( Log Aakhir Kyon Aag Lagate Hain )   लोग आखिर क्यों आग लगाते हैं फिर मदद के लिए सामने आते हैंं। मैंने...

सम्राटअशोक महान | Kavita Samrat Ashok

सम्राटअशोक महान ( Samrat Ashok Mahan ) क्रांति की ताकत से, शांति का संदेश देवनांप्रिय चक्रवर्ती सम्राट, मौर्य राजवंश अनूप छवि । अखंड भारत साम्राज्य परिध, शक्ति ओज सदृश...

बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं | राजस्थानी भाषा

बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं   बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं, नैणा सूं बतळावां म्हे। आओ म्हारा प्यारा पांवणा, गीत सुरीला गावां म्हे। पलक पांवड़ा राह बिछादयां, हेत घणों बरसावां...

लोटे की जाति | Kavita Lote ki Jati

लोटे की जाति ( Lote ki Jati ) एक दुकान पर, बहुत से लोटे रखें हैं, दुकान पर, लोटा बस लोटा है, उसकी कोई जाति नहीं है, लेकिन मनुष्य ने, लोटे...

हनुमान जी | Kavita Hanuman Ji

हनुमान जी  ( Hanuman Ji )   मैं नादान मैं नकारा आया आपके द्वार हे प्रभु हनुमान, तेरी मुआख़जा में रहूं मुवाजहा हो मेरे प्रभु हनुमान। तू नबी है...

साहित्य संकल्प कवि संवाद मंच

साहित्य संकल्प कवि संवाद मंच के तत्वावधान में आदरणीय आदित्यजी के निर्देशन में एक शानदार कवि सम्मेलन का आनालाइन प्लेटफार्म जूम पर आयोजन हुआ।जिसमें...

होली ‌पुरानी | Kavita Holi Purani

होली ‌पुरानी ( Holi Purani )   याद है वो होली मुझको। बीच गांव में एक ताल था, ताल किनारे देवी मन्दिर, मन्दिर से सटी विस्तृत चौपाल, जहां बैठकर बुजुर्ग...

टुन्न टुन्नू की होली | Kavita Tunn Tunnu ki Holi

टुन्न टुन्नू की होली ( Tunn Tunnu ki Holi )   अबकी बेरिया होली मइहां, टुन्नू भइया पीकर भंग। चटक मटक होरिहारन संग, दिन भर रहे बजावत चंग। सांझ भई तो...