निवेदन | Kavita Nivedan

निवेदन ( Nivedan ) निवेदन है धरा से मत हो वीराना , अरदास है ईश से भूलें न कृपाना, आह्वान है आकाश सै रंग नीलिमा न बदलना, गुजारिश है बादलों से वर्षा अमृत न भूलना, आरजू है आदमी से आदिमकाल न जाना।शेखर कुमार श्रीवास्तव दरभंगा(...

सबको मतदान करना पड़ेगा | Purnika Sabko Matdan Karna Padega

सबको मतदान करना पड़ेगा   बात मानो हमारी सारी जनता। वोट डालने तो जाना पड़ेगा।। ये जो अधिकार सबको मिला है। यही कर्तव्य निभाना पड़ेगा।। चाहे लाखों हों काम वोट...

अकेलापन | Hindi Poem Akelapan

अकेलापन ( Akelapan )   अकेलेपन का ज़हर जो पी रहे हैं, साँस थमने की आस में जी रहे हैं, कुछ बातें होती हैं जो कहनी होती है, अनकहे...

तमाशा | Kavita Tamasha

तमाशा ( Tamasha )   कौन कहता है आईने झूठ नहीं बोलते वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं दिये गये सम्मान में भी दिली सम्मान कहाँ...

मां- पिता | Kavita Maa Pita

मां- पिता  ( Maa Pita )   मां जान है तो , पिता आत्मा है, आत्मा जब रोती है तो , जान निकल जाती है। जीने के लिए , मानव को चाहिए...

लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan

लोकतंत्र अभयदान लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था, सशक्त नागरिक अधिकार । अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन, राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार । योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि, सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान। लोकतंत्र...

पुरुआ में सिहरे बदनियाँ

पुरुआ में सिहरे बदनियाँ   पुरुआ में सिहरे बदनियाँ, कुलेल करे देखा चँदनियाँ। (2)झुरुर- झुरूर बहे पवन पुरवाई, होतैं जो सइयाँ ओढ़उतैं रजाई। काबू में नाहीं जवनियाँ, कुलेल करे देखा...

नदी पार के लोग | Laghu Katha Nadi Paar ke Log

नदी रामपुर और कैथा गाँव के बीच से होती हुई बहती है। बरसात में जब वह उफनती है तो दोनों गाँव के खेतों को...

जब जरूरत पड़े तो तस्वीरें देखिए

जब जरूरत पड़े तो तस्वीरें देखिए   जब जरूरत पड़े तो तस्वीर देखिए मेरी आँखों में उमड़ा भी नीर देखिए पास हैं दो दूरी आप बनाएं हैं अभी देख...

भूख और भगवान | Kavita Bhookh aur Bhagwan

भूख और भगवान ( Bhookh aur Bhagwan )   भूख और भगवान में, कौन बड़ा? कौन छोटा ? छिड़ी जंग है। भूख है कि, मिटने में नहीं आती , बार-बार पेट, भरना पड़ता...