कलियुग का दोहा | Kalyug ka Doha
कलियुग का दोहा
( Kalyug ka Doha )
फूल रोपिए
शूल पाईए
झूठ बोलिए
सुख रहिए
जान लीजिए
माल पाइए
भला कीजिए
बुरा झेलिये
पानी मिलायिये
रबड़ी खाइये
फ़रेब कीजिए
कुबेर अरजिए
आंचल फैलायिये
अस्मिता गंवायिये
ठगते रहिए
दनदनाते रहिए
महल...
हनुमान जयंती | Kavita Hanuman Jayanti
हनुमान जयंती
( Hanuman Jayanti )
बल बुद्धि विद्या वृष्टि, हनुमंत साधना भक्ति सेकलयुग साक्षात देव अनुपमा,
भक्तजन सर्व दुःख कष्ट हर्ता ।
अनंत सद्य मंगल फलदायक,
कर्म...
ये कैसा रामराज्य है | Kavita Ye Kaisa Ram Rajya hai
ये कैसा रामराज्य है
( Ye Kaisa Ram Rajya hai )
आम आदमी कंगाल हुआ है,
नेता सारे मालामाल हुए हैं,
किसान और मजदूर देश के,
देखो कैसे बदहाल...
.रौद्र रस | Raudra Ras Kavita
.रौद्र रस
( Raudra Ras )
मन करता है कभी, ज़ुबां के ताले अब खोल दूँ,
है दुनिया कितनी मतलबी जाके उनको बोल दूँ,
उतार फेंकूँ उनके चेहरे...
मतदान करने जरूर जाना | Geet Matadan Karne Jarur Jana
मतदान करने जरूर जाना
( Matadan Karne Jarur Jana )
चुनाव फिर से आ गया ।
अब करना न कोई बहाना
चुनाव फिर से आ गया ।
सही...
कलम ही हथियार है | Geet Kalam hi Hatiyar Hai
कलम ही हथियार है
( Kalam hi Hatiyar Hai )
कल्पनाओं का सागर है, शब्दों का भंडार है।
सृजन ही शक्ति हमारी, कलम ही हथियार है।
कलम...
भूत एक वहम | Kahani Bhoot ek Waham
वर्तमान समय में देखा जाए तो भूत प्रेत की मान्यता से लगभग सारा संसार जकड़ा हुआ है। किंतु भूत प्रेत आदि क्या है? कैसे...
मैं खूबसूरत नहीं | Ghazal Main Khubsurat Nahi
मैं खूबसूरत नहीं
( Main Khubsurat Nahi )
कोई मुझे पसंद करे इतना मैं खूबसूरत नहीं !
देखता यहां कोई ज़माने में भली मूरत नहीं !
गोरी घनी...
दर्द ढोते हैं हम | Laghu Katha Dard
घर की स्थिति ठीक नहीं थी तो रमेश का कौन नहीं मजाक उड़ाता था कि पढ़ - लिखकर आखिर क्या करेगा, वह। रमेश फिर...
वनिता सुरभि, पारिजात ललांत सी
वनिता सुरभि,पारिजात ललांत सी
कोमल निर्मल सरस भाव,
अंतर प्रवाह विमल सरिता ।
त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति,
अनंता अत्युत्तम कविता ।
सृजन उत्थान पथ पर,
महिमा मंडित सुकांत सी ।
वनिता सुरभि,...