मत बन तू अज्ञान | Kavita Mat Ban tu Agyaan
मत बन तू अज्ञान ( Mat Ban tu Agyaan ) बिन फेरे अजनबियों से तुम करते हो यह सवाल, मत भूलो गरिमा-व्यवहार करों थोड़ा सा ख़्याल। आधी उम्र अब निकल चुकी है स्वयं को सम्भाल, अच्छा नहीं इतना गुरूर बार-बार न कर बवाल।। शिक्षित होकर संस्कार विहिन मत बन तू अज्ञान, अनमोल धन होती…