सूरज उगले से…( कजरी )

सूरज उगले से…( कजरी )

सूरज उगले से…( कजरी )   सूरज उगले से देखा अँजोर होला, सुबह-सुबह भोर होला ना। चिड़िया चहके डाली-डाली, टपके होंठवा से लाली। देखि-देखि सबकर मनवाँ विभोर होला, सुबह-सुबह भोर होला ना। सूरज उगले से देखा अँजोर होला, सुबह-सुबह भोर होला ना। जाले दुबक कहीं पे रात, पवन लुटावेला खैरात। भौंरा कलियन के सुना चित्तचोर…