आइए प्रभु आइए ( Aaiye Prabhu Aaiye ) मनहरण घनाक्षरी छंद लबों की हो मुस्कान भी पूजा और अजान भी अंतर्यामी प्रभु मेरे दौड़े-दौड़े आइए जग पालक स्वामी हो हृदय अंतर्यामी हो हाल सारा जानते देर ना लगाइये पलके अब खोल दो सबको आ संबल दो पीर भरे मेंघ छाये विपदा निवारिये … Continue reading आइए प्रभु आइए | Chhand
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