मुँह से फूल झरते हैं | Poem Muh se Phool Jhadte...
मुँह से फूल झरते हैं!
( Muh se phool jhadte hain )
क्या कुदरत बनाई उसे आह लोग भरते हैं,
लेकर उधार रोशनी तारे वो चमकते हैं।
हौसले...
सत्य गुमराह नहीं होता | Satya par Kavita
सत्य गुमराह नहीं होता
( Satya gumrah nahi hota )
सांच को आंच नहीं होती सत्य गुमराह नहीं होता।
सच्चाई छुपती नहीं कभी सच बेपरवाह नहीं होता।
श्रद्धा...
ध्यान आपका ही धरता हूं | Kavita Dhyan Aapka hi Dharta...
ध्यान आपका ही धरता हूं
( Dhyan aapka hi dharta hoon )
मैं हर जगह बस छवि आपकी,
नैनों में देखा करता हूं।
तारणहारा तुम हो भगवान,
ध्यान आपका...
चैत्र नवरात्र भक्ति धारा | Kushmanda Mata par Kavita
चैत्र नवरात्र भक्ति धारा
( Chaitra Navratra Bhakti Dhara )
अष्ट भुजाओं वाली आओ, सिंह सवार हो माता।
धनुष बाण कमंडल, शोभित हे कुष्मांडा माता।
नवदुर्गा स्वरूप चतुर्थ,...
फिर उसी कांधे पर सिर | Kavita Phir usi Kandhe par
फिर उसी कांधे पर सिर
( Phir usi kandhe par seer )
बचपन में मां के आंचल में सिर देकर सो जाते थे।
मीठी मीठी लोरियां सुनकर...
मेरे खुदा | Poem Mere Khuda
मेरे खुदा
( Mere Khuda )
सुन मेरे खुदा सुन मेरे मौला मेरे परवर दिगार।
सारी दुनिया के रखवाले सारे जग के करतार।
दीनबंधु दुखहर्ता हे भक्तों...
पर्दे के पीछे | Kavita Parde ke Peechey
पर्दे के पीछे
( Parde ke peechey )
रंगमंच है ये सारी दुनिया पर्दे के पीछे क्या होता।
दिखता है वो बिकता है मंचों पर अभिनय होता।
भांति...
मां तेरी लाल चुनरिया | Kali Maa ka Geet
मां तेरी लाल चुनरिया
( Maan teri laal chunariya )
मां तेरी लाल चुनरिया, लाल तेरी ध्वजा बिराजे।
सजा दरबार निराला, मां शंख चक्र गदा साजे।
मां तेरी...
सागर की लहरें यूं कहती | Poem Sagar ki Lahren
सागर की लहरें यूं कहती
( Sagar ki lahren yoon kahati )
सागर की लहरें उठती मन में जोश नया जगाती है
जलधारा मानस पटल शीतल आभास...
विरह | Poem in Hindi on Virah
विरह
( Virah )
नयन सुख ले लेने दो प्रियतम तुम जाने से पहले।
अधर रस पान करा दो सूरज उग जाने से पहले।
सुबह से वही दोपहरी...