कभी तुम

कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखो

कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखो कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखोफ़क़त मुझ को भी अपना मान कर देखो विरासत में नहीं मिलते ख़ुशी के पलये काँटों से भरा मेरा सफ़र देखो लक़ब मुझ को मिले जो अब तलक सारेमिरी माँ की दुआ का है असर देखो अगर जो प्यार में…

मानसिक अवसाद और पुस्तकें

वर्तमान पीढ़ी में बढ़ता मानसिक अवसाद और पुस्तकें

परिचर्चा की समीक्षा अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलँड द्वारा दिनांक 17 , नवंबर को “ वर्तमान पीढ़ी में बढ़ता मानसिक अवसाद और पुस्तकें “ जैसे सामयिक व गंभीर विषय पर रोचक व ज्ञानवर्धक परिचर्चा आयोजित की गई। प्रसिद्ध साहित्यकारों और शिक्षकों ने ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ -साथ इस भयावह स्थिति से उबरने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव…

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं प्यार की हमको दिखती कहानी नहींमीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं दर्द मुझको भी होता है समझो जरामुझमें भी है लहूँ कोई पानी नहीं वो भी देता है ताना मुझे ख़्वाब मेंप्यार की पास में जो निशानी नहीं धौंस सब पर दिखातें हैं वो ही यहांजिनकी बस में ही…

सुदेश दीक्षित की कविताएं | Sudesh Dixit Poetry

सुदेश दीक्षित की कविताएं | Sudesh Dixit Poetry

छोड़ दिया साया उठा बाप का,बाहर जाना छोड़ दिया।आई होश जब तोआंखें दिखाना छोड़ दिया। आ गए जूते बच्चों के पांवों में जब मेरे।हो गये वो स्याने उन्हें समझाना छोड़ दिया। घर है खुला जब मर्ज़ी आ के लूट लो।सांकल टूटी तो ताला लगाना छोड़ दिया। बहुत छोड़े रखा दिल को साथ उनके ।किराए दार…

कागा की कलम

कागा की कलम | Kaga ki Kalam

मर्द मुजाहिद मर्द हमदर्द बन दर्द देने को नामर्द बेठे हैंमर्द हमदर्द बन दर्द देने को बेदर्द बेठे हैं कसाई काट देता गर्दन लेता जान झटके मेंइंसान मेहरबान बन जान लेने को बेदर्द बेठे है सिर दर्द आपने बन जाते ग़ैरों से गिला नहींआला आ़लीशान बन नादान होने को बेदर्द बेठे है बेगैरत बन बग़ावत…

भगवान महावीर का 2594 वां दीक्षा कल्याणक दिवस

भगवान महावीर का 2594 वां दीक्षा कल्याणक दिवस

भगवान महावीर का 2594 वां दीक्षा कल्याणक दिवस यह उमर हमारी बीत रहीसत् संगत में रमकरज्ञानामृत का पान कर लेमहावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।नाशवान है काया हमारीक्यों करे मेरी मेरी ।इस तन को राख बननेलगे न इक पल की देरी ।महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।सबके साथ लगा है भारी ,जन्म –…

मैं लिखता रहा अश्क धोते रहे

मैं लिखता रहा अश्क धोते रहे

मैं लिखता रहा अश्क धोते रहे मैं लिखता रहा अश्क धोते रहे।सफे किस्मत के खुद पे रोते रहे। हम सुनाते रहे दास्तां दिल की अपनी।रात सारी सिर कंधे पे रख वो सोते रहे। उन्हें लगता था हम जिंदा है पर थे नहीं।अपनी ही लाश हम कंधों पर ढोते रहे। गंवाया नहीं आंखों से निकला अश्क।उठा…

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दीबुलंदी की हर इक निशानी लुटा दी ख़ुदा ने सँवारा सजाया चमन कोगुलों पे सभी मेहरबानी लुटा दी फ़िजाओं में नफ़रत का विष घोल कर केमुहब्बत की सारी कहानी लुटा दी ख़ज़ाना किया सारा खाली उन्होंनेकि हासिल हुई राजधानी लुटा दी करें रोज़ क़ुदरत…

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया उम्र भर बस ये रोज़गार कियातेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया बेसबब ख़ुद को दाग़दार कियाजाने क्यों तेरा ऐतिबार किया ज़ीस्त में अब न लुत्फ़ है कोईक्या कहें घर को ही मज़ार किया क्यों न करते भी शुक्रिया उसकाजिसने मौसम को ख़ुशगवार किया ज़ख़्म खाये हज़ार थे हमनेमरहम-ए-वक़्त ने सुधार किया…

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा ज़िंदगी में फूल को जो भी सताएगाज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा तू डराना चाहता है मौत को प्यारेये बता तू मौत को कैसे डराएगा बावली सी हो गयी मैं जानकर ये कीआज बेटा शौक से खाना पकाएगा मानता हूं तू बहुत नाराज़ है लेकिनभाई के बिन जश्न तू…