आंचल की छांव | Kavita Aanchal ki Chhaon

आंचल की छांव ( Aanchal Ki Chhaon )   वात्सल्य का उमड़ता सिंधु मां के आंचल की छांव सुख का सागर बरसता जो मां के छू लेता पांव   तेरे आशीष में जीवन है चरणों में चारो धाम मां सारी दुनिया फिरूं भटकता गोद में तेरे आराम मां   मेरे हर सुख दुख का पहले … Continue reading आंचल की छांव | Kavita Aanchal ki Chhaon