आओ ,जी लें प्रेम से कुछ पल अंतस्थ वृद्धन अंतराल , निर्मित मौन कारा । व्याकुल भाव सरिता, प्रकट सघन अंधियारा । पहल कर मृदु संप्रेषण, हिय भाव दें रूप सकल । आओ, जी लें प्रेम से कुछ पल ।। भीगा अंतर्मन संकेतन, जीवन पथ रिक्ति भाव। अस्ताचल स्वप्न माला, धूप विलोपन छांव । अब … Continue reading आओ जी लें प्रेम से कुछ पल
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