आरजू | Aarzoo par muktak

आरजू ( Aarzoo )    एक आरजू एक तमन्ना एक मेरी अभिलाषा। अटल रहूं सीमा पे धर रण कौशल की भाषा। जोश जज्बा रग-रग में हौसला है भरपूर मेरा। तिरंगा की शान में झुका ले हम शीश जरा सा। अरि दल से लोहा लेने को भीड़ जाते तूफां से। तपन धरा की ओज भरती बतियाती … Continue reading आरजू | Aarzoo par muktak