अब कलम लिखे किसकी जयगान जब हुआ सबेरा खून खराबा इसी में रहता है जग सारा, वेद मंत्र सब धरे धरा पर नहीं करे कोई गुणगान | अब कलम लिखे ———–! रक्षक, भक्षक बनकर जीता अरमानों के अश्क़ को पीता, माली रौंदे अपनी बगिया गा गाकर पूरबी तान | अब कलम लिखे———! एक चमन है … Continue reading अब कलम लिखे किसकी जयगान
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