अदाएं तुम्हारी | Adayein Tumhari

अदाएं तुम्हारी ( Adayein Tumhari ) लुभाती हैं दिल को अदाएं तुम्हारी।रुलाती हैं लेकिन दग़ाएं तुम्हारी। गुमां पारसाई का होता है इनमें।निराली हैं दिलबर ख़ताएं तुम्हारी। किए इस क़दर हमपे अह़सान तुमने।भुलाएंगे कैसे वफ़ाएं तुम्हारी। बजाए शिफ़ा के बढ़ाती हैं ईज़ा।पिएं किस तरह़ हम दवाएं तुम्हारी। मुह़ब्बत से कानों में कहते थे जो तुम।वो बातें … Continue reading अदाएं तुम्हारी | Adayein Tumhari