अंदाज जीने का | Andaaz Jeene ka
अंदाज जीने का ! ( Andaaz Jeene ka ) ( नज़्म ) अंदाज जीने का मुझको न आया, गैरों की बाँहों में सोने न आया। जुदाई का जख्म जल्दी भरता नहीं है, खिंजाँ में मुझे गुल खिलाने न आया। करती मोहब्बत बेपनाह मुझसे, ख्वाबों में मुझको बुलाने न आया। फलक से उतरती है किसी हूर … Continue reading अंदाज जीने का | Andaaz Jeene ka
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