अनजाना सफ़र | Anjana Safar

अनजाना सफ़र  ( Anjana Safar ) महानगर के होटल की पच्चीसवीं मंज़िल से देख रही हूँ चलती हुई रेलगाड़ी को जो सर्पाकार घुमावदार लम्बाई में मानो अजगर सी रेंगती हो रेलगाड़ी के डिब्बे लगते हैं जैसे अजगर के शरीर पर पड़ी धारियाँ जिसने भी रेल का आविष्कार किया होगा उसके हृदय में एक बार तो … Continue reading अनजाना सफ़र | Anjana Safar