अपराजित यायावर हूँ मै | Kavita

अपराजित यायावर हूँ मै ( Aparajit yayavar hoon main )   1. अपराजित यायावर हूँ मै, जिसे चाह नही है मंजिल की। सारी दुनिया ही अपनी है, जहाँ रूका वही है मंजिल सी।   2. जितना मैं चाहता, उतना ही दूर तू जाती। लम्हा लम्हा खत्म होकर के खड़ी मुस्काती। वाह रे जिन्दगी….. भरोसा तेरा … Continue reading अपराजित यायावर हूँ मै | Kavita