अस्तित्व की तलाश | Astitva ki Talash

अस्तित्व की तलाश ( Astitva ki Talash )   पुरुष प्रधान समाज में अटक रही है नारी, जमीन आसमां के बीच लटक रही है नारी ! सब कुछ होकर भी कुछ पास नहीं उसके, अस्तित्व की तलाश में भटक रही है नारी ! बंदिशों के जाल में फँसी मछली की तरह, खुद से लड़ती किस्मत … Continue reading अस्तित्व की तलाश | Astitva ki Talash