Ghazal By Dr.Alka Arora -बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी
बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी ( Baarishe Mere Aangan Se Hokar Jab Bhi Gujri ) ?? तेरे शहर मे आज बेसबब आई हूँ साथ मुकद्दर के कुछ लम्हे लाई हूँ मुस्कुराना मेरी आदत है ,तो हो आँसू तेरी आँख से भी चुराने आई हूँ ?? वो जो करते रहे बाते किरदार … Continue reading Ghazal By Dr.Alka Arora -बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed